Physical region of uttarakhand

पर guru ji द्वारा प्रकाशित

 

* खनिज की दृष्टि से यह क्षेत्र महत्वपूर्ण है, यहां पर ग्रेफाइट, जिप्सम, तांबा, सेल, क्वटरईज,  चूना पत्थर, ग्रेनाइट आदि खनिज  पाए जाते हैं  
 
 
* वन संसाधन आर्थिक क्रियाकलाप मानव निवास की दृष्टि से यह क्षेत्र सबसे अधिक महत्वपूर्ण है   
इस क्षेत्र में  पर्वतीय  क्षेत्रों में  सीढ़ीदार खेती की जाती है  व  शीतोष्ण फल  उगाये जाते है  

*,  बागवानी खेती की जाती है  
 
* लघु हिमालय शिवालिक से मैन बाउंड्री थ्रस्ट द्वारा अलग होता है  
 
 

शिवालिक श्रेणी– (The shivalik )

 

* प्राचीन भूगोल वक्ताओं ने इसे  मैनाक  पर्वत  नाम दिया है   
 
* यह हिमालय की सबसे नवीन श्रेणी है- यह हिमालय की अन्य श्रेणियों की अपेक्षा छोटी है अतः  इसे उप हिमालय व हिमालय का पा कहते हैं   

 

* शिवालिक का निर्माण बालू कंकण सपिंडात्मक शैल से  हुआ हैं महान हिमालय से निकलने वाली नदियों ने जिन्हें जमा किया है  
 
* नैनीताल, हरिद्वार, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, अल्मोड़ा,  जिलों के कुछ भाग शिवालिक  श्रेणी के अंतर्गत आते हैं, जो पर्यटन व आर्थिक दृष्टि से यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है  
 
* देहरादून शिवालिक क्षेत्र का सबसे बड़ा नगर है जो राज्य की राजधानी भी है 
 
* शिवालिक क्षेत्र में प्रमुख वन चीड़, बांस,शाल, शीशम,  है  
 
* लघु तथा शिवालिक के बीच कहीं-कहीं घाटी पाई जाती है, जिन्हें पश्चिम में दून तथा पूर्व में द्वार कहा जाता है   उत्तराखंड में प्रसिद्ध सबसे बड़ी दून घाटी देहरा घाटी  देहरादून में है  
 
 
 
 
भाबर क्षेत्र – 
 
*  भाबर क्षेत्र का निर्माण पर्वतीय क्षेत्र में प्रवाहित होने वाली नदियों द्वारा लाए गए बड़े-बड़े पत्थर कंकड़ के निक्षेपण से हुआ है   
 
* यहां  नदियों का जल भूमिगत हो जाता है , प्रायः क्षेत्र कृषि की दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है 
 
*  यहां पर बागवानी फसलें उगाई जाती है  साग, सब्जी, फल आदि  
 
तराई क्षेत्र – 
 
* यह अपेक्षाकृत निम्न भूमि है जिसका निर्माण छोटे महीन पत्थर कंकड़ वाले अवसाद से हुआ है  
 
* यहां पर भाबर में प्रवाहित होने वाली नदियों का जल दिखाई देने लगता है तथा यह क्षेत्र दलदली क्षेत्र है 
 
* इस क्षेत्र में पाताल तोड़ कुए पाए जाते हैं, वर्तमान में यह क्षेत्र अत्यधिक कृषि उपयोग में लाया जा रहा है 
 
* उत्तराखंड का उधम सिंह नगर मुख्यतः तराई क्षेत्र में आता है यहां पर सभी प्रकार की फसलें कृषि  की जाती है 

आगे के आने वाले  अध्याय में हम उत्तराखंड के दर्रे, उत्तराखंड की ऊँची चोटी, उत्तराखंड की झीलो, उत्तराखंड के बुग्याल का गहनता से चर्चा करेंगे 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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2 टिप्पणियाँ

Pintoo arya · नवम्बर 28, 2020 पर 3:21 पूर्वाह्न

Maza as gayA sir ji, bahut khoob

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