आपदा ( Disasters)
* भूकंप मापन का यंत्र है सिस्मोग्राफभूकंप की तीव्रता तथा परिणाम का मापन रिएक्टर मापक के आधार पर किया जाता है।
* इस भूकंप का अपना ऐतिहासिक महत्व है, इस समय गढ़वाल के राजा प्रदूध्मन शाह थे, इस विनाशकारी भूकंप के कारण गढ़वाल के शासक अजय पाल का भवन क्षतिग्रस्त हो गया था।
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आपदा वर्ष
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स्थल
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तीव्रता
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22 मई 1816
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गंगोत्री (उत्तरकाशी
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7.0
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28 अक्टूबर 1916
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पिथौरागढ़
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7.5
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14 मई 1935
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बाजांग (धारचूला)
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7.5
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28 अक्टूबर 1916
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धारचूला बजांग
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7.5
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2 अक्टूबर 1937
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देहरादून
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8.0
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4 जून 1945
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अलमोड़ा
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6.5
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20 जून 1945
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अल्मोड़ा
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6.5
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28 दिस्मबर
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बाजांग (धारचूला)
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7.5
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20अक्टूबर
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उत्तरकाशी
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6.6
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29 मार्च 1999
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चमोली
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6.6
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22 मई 1816
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गंगोत्री (उत्तरकाशी)
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6.8
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06 नवम्बर 2017
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तोलिया रुद्रप्रयाग
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5.5
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भू–स्खलन (landslides) – चट्टान ,मिट्टी मलबे के ढेर के अचानक ढलान के नीचे की ओर खिसकने की क्रिया को भू-स्खलन कहते हैं । यह भूकंप तथा वर्षा के कारण चट्टानों के ढीले हो जाने से होती है या मनुष्य द्वारा बांध, जल विधुत,रेल ,सड़क .सुरंग ,भवन आदि के निर्माण के लिए चट्टानों को तोड़ने के कारण भी भू-स्खलन की घटना हो जाता है।
* जिसमें गढशासक राजा अजय पाल का भूकम्प में ध्वस्त भवन के अंश बह गये श्रीनगर सहित कई गांव तबाह हो गए थे इसका प्रभाव हरिद्वार तक था,
* अतः श्रीनगर को दोबारा बसाई गया था कमिश्नर पौ द्वारा कमिश्नर पौ आधुनिक श्रीनगर का वास्तुकार कहा जाता है।
* 16 – 17 जून 2013 में उत्तराखंड के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी आई थी जिसमें कई स्थानों पर सड़क पुराने पुल नदी के किनारे बसे गांव बाजार टूरिस्ट लॉज खेत खलियान जनमानस सभी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए थे ।
* उत्तराखंड राज्य में आपदाओं से सुरक्षा के लिये ऑस्ट्रेलिया मॉडल के तहत आपदा प्रबन्धका गठन किया गया है ।
*1 जुलाई 2013 को उत्तराखंड राज्य ने आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्य हेतु एस0डी0आर0फ0 का गठन किया है ।
* उत्तराखंड में हाल ही में आपदा प्रबंध विभाग व एस0डी0आर0फ0 ने मेरी यात्रा मोबाइल एप शुरू किया है ।
2 टिप्पणियाँ
Himanshu Rastogi · दिसम्बर 26, 2020 पर 9:16 अपराह्न
Thanks Guruji
Guruji · दिसम्बर 28, 2020 पर 11:28 पूर्वाह्न
thanks