State Emblem and Emblem of Uttarakhand State

पर guru ji द्वारा प्रकाशित

उत्तराखंड का राज्य चिन्ह व प्रतीक चिन्ह
 

 

 

 

 

राज्य चिन्ह वा प्रतीक चिन्ह उस राज्य की ऐतिहासिक सांस्कृतिक भौगोलिक सामाजिक झलक को दर्शाता है अतः उत्तराखंड राज्य द्वारा राज्य निर्माण के 1 वर्ष पश्चात सन 2001 में राज्य चिन्ह का निर्धारण किया गया  

उत्तराखंड राज्य चिहन – 

 

 

 

 

 

राज्य चिन्ह का प्रयोग शासकीय कार्यों में किया जाता है
उत्तराखंड का जो राज्य चिन्ह है, उसमें उत्तराखंड राज्य की झलक को देखा जा सकता है उत्तराखंड राज्य चिह्न में तीन पर्वत श्रेणियां है व चार गंगा की लहरें हैं, इन पर्वत श्रेणियों में मध्य वाली पर्वत श्रेणी सबसे ऊंची है, राज्य चिन्ह में अशोक की  लाट व भारत के आदर्श वाक्य सत्यमेव जयते भी अंकित है, सत्यमेव जयते जो मुन्ड्को उपनिषद से लिया गया है।


 
उत्तराखंड राज्य   पक्षी– मोनाल है,
 
 
 
 
* वैज्ञानिक नाम –  लोफोफोरसइपिजेंस
 
मोनाल नेपाल का भी राज्य पक्षी है
 
*मोनाल का प्रिय भोजन आलु है
 
हिमालय क्षेत्र में ऊँचे स्थान में पाया जाता है
 
हिमालय मयूर भी कहते हैं व हिमालय पक्षी का सिरमौर कहते है
 
स्थानीय जनता द्वारा स्थानीय भाषा में मनाल व मन्याल नाम से जाना जाता है
 
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 द्वारा मोनाल को सुरक्षा या संरक्षित किया गया।
 
मोनाल पक्षी पर डाक टिकट जारी किया गया-1975 में  जो दो रूपये का था
 
राज्य पुष्पब्रह्मकमल
 
 
 
वैज्ञानिक नाम – सोसुरिया अबवेलेटा
 
* महाभारत के वनपर्व में इसे सौगन्धिक पुष्प कहा गया था
 
स्थानीय भाषा में से कौल पदम कहा जात है
 
* हिमाचल में ब्रह्मकमल को दूधा फल कहते है
 
* जुलाई से सितम्बर तक के लिये खिलता है 
 
एसेटेरेसी कुल का पौधा है 
 
राज्य में इसकी 24 प्रजाति है 
 
पुष्प बैगनी रंग का होता है।
 
कठोर चट्टान दुर्गम क्षेत्र में पाया जाता है
 
जड़ मे औषधि गुण होते हैं
 
राज्य पुष्प ब्रह्मकमल पर डाक टिकट जारी किया गया-1982 में
 
राज्य वृक्ष बुरांस

 
 
वैज्ञानिक नाम – रोडोडेन्ड्रनअरबोरियम
 
यह सदाबहार वृक्ष है
 
सामान्यता पुष्प का रंग लाल होता है ऊंचाई बढ़ने के साथ-साथ उसके रंग में परिवर्तन आता है
 
*  11000 मीटर की ऊंचाई पर पुष्प का रंग सफेद हो जाता है।
 
बुरांश का फूल बसंत में खिलता है, व बैसाखी के बाद गर्मी बढ़ने पर सूख जाता है।
 
बुरांस के फूल से जूस बनता है, जो हृदय रोगियों के लिए लाभकारी है।
 
वन अधिनियम 1974 द्वारा बुरांस को संरक्षित वृक्ष घोषित किया गया है ।
 
राज्य वृक्ष बुरांस पर डाक टिकट जारी किया गया – 1977 में जो 50 पैसे का था  

राज्य पशु- कस्तूरी मृग
 

 

वैज्ञानिक नाम मास्कसकाइसोगास्टर

यह वनाच्छादित हिम शिखरो में पाया जाता है।

इसे हिमालय मस्कडियर भी कहा जाता है ।

कस्तूरी केवल नर मृग में पाया जाती है ।

कस्तूरी एक सुगंधित पदार्थ है, कस्तूरी का प्रयोग इत्र बनाने व औषधि बनाने में किया जाता है

राज्य में कस्तूरी मृग की 4 प्रजाति पायी जाती है।

एक मृग में 30 से 45 ग्राम कस्तुरी पायी जाती है 

कस्तूरी को मृग से तीन-तीन वर्ष के अन्तराल बाद निकला जाता है 


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य


उत्तराखंड राज्य दूसरी भाषा- संस्कृत 2010 घोषित 

उत्तराखंड राज्य खेल – फुटबाल 2011 घोषित 

उत्तराखंड राज्य वाद्य यंत्र – ढोल 2015 में  घोषित 

उत्तराखंड राज्य तितली कामन पिकोक 2016  में  घोषित 

उत्तराखंड राज्य गीत – उत्तराखंड देव भूमि, मातृभूमि शत शत वन्दन अभिनन्दन – यह हेमन्त बिष्ट द्वारा रचित है, जो 2016 में राज्य गीत घोषित हुआ था 


इस गीत को स्वर दिया है लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी और अनुराधा निराला जी ने
 
 
 
 
 
 
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2 टिप्पणियाँ

Kamlesh kumar · जनवरी 4, 2021 पर 11:22 पूर्वाह्न

👌👌

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