State Emblem and Emblem of Uttarakhand State

* राज्य चिन्ह वा प्रतीक चिन्ह उस राज्य की ऐतिहासिक सांस्कृतिक भौगोलिक सामाजिक झलक को दर्शाता है अतः उत्तराखंड राज्य द्वारा राज्य निर्माण के 1 वर्ष पश्चात सन 2001 में राज्य चिन्ह का निर्धारण किया गया ।
उत्तराखंड राज्य चिहन –
राज्य चिन्ह का प्रयोग शासकीय कार्यों में किया जाता है।
उत्तराखंड का जो राज्य चिन्ह है, उसमें उत्तराखंड राज्य की झलक को देखा जा सकता है। उत्तराखंड राज्य चिह्न में तीन पर्वत श्रेणियां है व चार गंगा की लहरें हैं, इन पर्वत श्रेणियों में मध्य वाली पर्वत श्रेणी सबसे ऊंची है, राज्य चिन्ह में अशोक की लाट व भारत के आदर्श वाक्य सत्यमेव जयते भी अंकित है, सत्यमेव जयते जो मुन्ड्को उपनिषद से लिया गया है।


* एसेटेरेसी कुल का पौधा है ।

राज्य पशु- कस्तूरी मृग
* वैज्ञानिक नाम – मास्कसकाइसोगास्टर
* यह वनाच्छादित हिम शिखरो में पाया जाता है।
* इसे हिमालय मस्कडियर भी कहा जाता है ।
* कस्तूरी केवल नर मृग में पाया जाती है ।
* कस्तूरी एक सुगंधित पदार्थ है, कस्तूरी का प्रयोग इत्र बनाने व औषधि बनाने में किया जाता है।
* राज्य में कस्तूरी मृग की 4 प्रजाति पायी जाती है।
* एक मृग में 30 से 45 ग्राम कस्तुरी पायी जाती है ।
* कस्तूरी को मृग से तीन-तीन वर्ष के अन्तराल बाद निकला जाता है ।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
* उत्तराखंड राज्य दूसरी भाषा- संस्कृत 2010 घोषित ।
* उत्तराखंड राज्य खेल – फुटबाल 2011 घोषित ।
* उत्तराखंड राज्य वाद्य यंत्र – ढोल 2015 में घोषित ।
* उत्तराखंड राज्य तितली कामन पिकोक 2016 में घोषित ।
* उत्तराखंड राज्य गीत – उत्तराखंड देव भूमि, मातृभूमि शत शत वन्दन अभिनन्दन – यह हेमन्त बिष्ट द्वारा रचित है, जो 2016 में राज्य गीत घोषित हुआ था।
* इस गीत को स्वर दिया है लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी और अनुराधा निराला जी ने।
2 टिप्पणियाँ
Kamlesh kumar · जनवरी 4, 2021 पर 11:22 पूर्वाह्न
👌👌
Guruji · जनवरी 4, 2021 पर 3:09 अपराह्न
thanks