ऑपरेशन सिंधु के बारे में जानकारी-

ऑपरेशन सिंधु भारत सरकार द्वारा 18 जून 2025 को शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण अभियान है, जिसका उद्देश्य ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के कारण ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालना है। यह अभियान विदेश मंत्रालय के नेतृत्व में चलाया जा रहा है और इसे भारत की मानवीय और रणनीतिक कूटनीति का एक उदाहरण माना जा रहा है।
मुख्य बिंदु:
- उद्देश्य:
- ऑपरेशन सिंधु का मुख्य लक्ष्य ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों, को सुरक्षित निकालकर भारत वापस लाना है। यह अभियान मध्य पूर्व में ईरान-इजरायल तनाव के बीच शुरू किया गया, जिसने क्षेत्र में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया था।
- प्रारंभ और कार्यान्वयन:
- 18 जून 2025 को भारत सरकार ने इस ऑपरेशन की शुरुआत की। पहले चरण में, भारतीय दूतावास ने उत्तरी ईरान से 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित रूप से निकाला और उन्हें सड़क मार्ग से आर्मेनिया की राजधानी येरेवन पहुंचाया।
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- इन छात्रों को 18 जून 2025 को एक विशेष उड़ान के माध्यम से येरेवन से भारत के लिए रवाना किया गया, और वे 19 जून 2025 की सुबह नई दिल्ली पहुंचे।
- भारत सरकार के प्रयास:
- विदेश मंत्रालय ने तेहरान में भारतीय दूतावास के माध्यम से एक आपातकालीन हेल्पलाइन और दिल्ली में 24×7 कंट्रोल रूम स्थापित किया है, ताकि फंसे हुए नागरिकों से संपर्क बनाए रखा जा सके।
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- सरकार ने भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि वे दूतावास और कंट्रोल रूम के साथ लगातार संपर्क में रहें ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
- पृष्ठभूमि:
- ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने मध्य पूर्व में अस्थिरता पैदा की है, जिसका असर वहां रहने वाले विदेशी नागरिकों पर भी पड़ा है। भारत, जो हमेशा अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है, ने इस स्थिति में त्वरित कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंधु शुरू किया।
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- यह अभियान भारत के पिछले मानवीय निकासी अभियानों जैसे ऑपरेशन अजय (इजरायल से भारतीयों की निकासी) और ऑपरेशन गंगा (यूक्रेन से निकासी) की तर्ज पर है।
- प्रतिक्रिया और महत्व:
- सोशल मीडिया पर इस ऑपरेशन को भारत की कूटनीतिक और मानवीय ताकत के रूप में सराहा गया है। एक एक्स पोस्ट में इसे “न्यू इंडिया” की भावना के रूप में वर्णित किया गया, जो अपने नागरिकों को कभी नहीं छोड़ता और चुपचाप, तेजी से कार्रवाई करता है।
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- यह अभियान भारत की वैश्विक छवि को मजबूत करता है, जो संकट के समय अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्प दिखाता है।
ऑपरेशन सिंदूर से अंतर:
आपके प्रश्न में “ऑपरेशन सिंधु” का जिक्र है, लेकिन यह ध्यान देने योग्य है कि इसे “ऑपरेशन सिंदूर” से भ्रमित नहीं करना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर 6-7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर किया गया एक सैन्य हवाई अभियान था, जो 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। ऑपरेशन सिंधु, इसके विपरीत, एक मानवीय निकासी अभियान है, जो सैन्य कार्रवाई से संबंधित नहीं है।
निष्कर्ष:
ऑपरेशन सिंधु भारत की उस नीति को दर्शाता है, जिसमें वह अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है, चाहे वे दुनिया के किसी भी कोने में हों। यह अभियान न केवल तकनीकी और कूटनीतिक दृष्टिकोण से सफल रहा, बल्कि भारत की वैश्विक जिम्मेदारी और मानवीय मूल्यों को भी रेखांकित करता है। यदि आपके पास इस ऑपरेशन के किसी विशेष पहलू या अन्य संबंधित जानकारी के बारे में सवाल हैं, तो कृपया और विवरण प्रदान करें!
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