chand vansh -कुमाऊं का चन्द राजवंश -6

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चन्द वंश – महत्वपूर्ण- प्रश्नों का संग्रह

1- किस चंद शासक को कुमाऊँ के इतिहास में लखुली बिराली के नाम से भी जाना जाता है- लक्ष्मीचंद

* नोट- लक्ष्मीचंद ने 7 आक्रमण में असफलता पायी थी गढ़वाल के विरुद्ध इसलिए उसे लखुली बिराली नाम दिया गया था ।

* जिस किले से वह युद्ध लड़ने जाता था उसे सियाल बुंगा का किला कहा जाता था ।

* लक्ष्मी चंद का समकालीन गढ़वाल शासक – मानशाह था ।

2- लक्ष्मी चंद के समय सबसे ज्यादा कर लगाए गए थे जिस कारण लोग सब्जी छत में उगते थे लक्ष्मी चंद ने दो कचेहरी बनाई थी बिस्टावली और न्यौवाली

बिस्टावली – सैनिक कचेहरी थी और न्यूवली सामान्य जनता के लिए थी l 

3- अल्मोड़ा व बागेश्वर में 1602 में लक्ष्मीनारायण मंदिर का निर्माण किसने करवाया- लक्ष्मीचंद

लक्ष्मीचंद ने बागेश्वर में स्थित बागनाथ मंदिर का पुनः उत्थान कराया था l 

5- लक्ष्मी चंद द्वारा गढ़वाल पर  कुल कितने बार आक्रमण किये गये थे – 8 बार जिसमे से वह 7 बार असफल रहा 8 वीं बार युद्ध  में  वह सफल रहा जिसमें  गढ़वाल शासक का  सेनापति खतड़ सिंह युद्ध  में मारा गया था ।

नोट कुमाऊँ में खतडुवा त्यौहार उसके विजय उपलक्ष्य में तभी से मनाया जाता है  ।

5- लक्ष्मी चंद के कितने पुत्र थे- 21

6- मुगल बादशाह जंहागीर किसके शासन काल में हरिद्वार आया था- लक्ष्मीचंद 

7- किस चंद शासक ने बागेश्वर में स्थित बागनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था – लक्ष्मीचंद

8- मानोदय काव्य में लक्ष्मी चंद को किस नाम से जाना जाता है- लक्ष्मण


9- लक्ष्मीचंद का राजकीय चिन्ह क्या था- गाय


10- जंहागीर नामा में किसको सबसे धनी राजा बताया गया हैं- लक्ष्मीचंद

11- लक्ष्मीचंद के सेनापति का क्या नाम था- गैंड़ा सिंह

12- लक्ष्मीचंद के बाद कुमांऊ की गद्दी पर कौन बैठा था- दिलीप चंद

13- कौन सा चंद शासक टीवी तपेदिक की बीमारी के कारण उसकी मृत्यु हुई थी – दिलीप चंद

14- शकराम कार्की व पीरू गुसांई सर्वप्रथम किस चंद शासक के सलाहकार थे- दिलीप चंद

15- जब विजय चंद गद्दी में बैठा था तो शासन की सारी बागड़ोर किसके हाथो में थी- सकराम कार्की, पिरू गोसाई, विनायक भट् 

नोटः- विजय चंद भोग विलासी राजा था इन तीनो ने राजा की हत्या कर दी जब इसके चाचा नीला गोसांई ने इसका विरोध किया तो उन्होंने उसकी भी हत्या कर दी थी ।

16- नीला गोसांई के पुत्र बाजा उर्फ (बाजबहादुर) का लालन पालन पोषण किसने किया- धर्माकर तिवारी की पत्नी ने 

17- विजय चंद के बाद कुमांऊ वंश की गद्दी पर कौन शासक बैठा था – त्रिमल चंद

18 किस चंद शासक ने अपने कार्य काल में रसोई दरोगा नामक एक नया  पद बनाया था –  त्रिमल चंद

* नोट-  रसोई  दारोगा पद के लिये ईमानदार राज भक्त की खोज की गयी किसी व्यक्ति द्वारा नीलू कठायत की राजभक्ति,ईमानदार के बारे में बताया गया था, फिर उसके परिवार से उसके रिश्तेदार कर्ण कठायत को कुमांऊ राज दरबार लाया गया और रसोई  दारोगा पद दिया गया था ।




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