ऋषिकेश का बजरंग सेतु: आधुनिक ग्लास ब्रिज की नई पहचान
ऋषिकेश, जो योग और आध्यात्म की विश्व प्रसिद्ध राजधानी है, अब एक अनोखे स्थापत्य चमत्कार से और अधिक समृद्ध होने जा रहा है। गंगा नदी पर बन रहा बजरंग सेतु भारत का पहला ग्लास सस्पेंशन ब्रिज होगा, जो ऐतिहासिक लक्ष्मण झूला की जगह लेगा। 1929 में निर्मित लक्ष्मण झूला को 2019 में सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया था, क्योंकि समय के साथ भारी भार और प्राकृतिक क्षय ने इसे कमजोर बना दिया था। अब यह नया पुल पैदल यात्रियों तथा दोपहिया वाहनों के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है, जो दिसंबर 2025 तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
प्रमुख विशेषताएँ
| विशेषता | विवरण |
|---|---|
| लंबाई | 132 मीटर |
| चौड़ाई | 8 मीटर (मध्य में 5 मीटर स्टील डेक दोपहिया वाहनों के लिए) |
| लागत | ₹60 करोड़ |
| डिज़ाइन | दोनों ओर 1.5 मीटर चौड़े पारदर्शी ग्लास वॉकवे (66 मिमी मोटाई), जो पैरों के नीचे गंगा के बहते जल को जीवंत अनुभव कराएंगे |
निर्माण की प्रगति
- निर्माण कार्य 2022 में शुरू हुआ।
- वर्तमान में 90% कार्य पूर्ण हो चुका है।
- लोक निर्माण विभाग (PWD) के अनुसार, केवल ग्लास शीटों की स्थापना शेष है।
यह ब्रिज न केवल सुरक्षित और सुगम आवागमन प्रदान करेगा, बल्कि पर्यटकों को एक रोमांचक एवं दृश्यमान अनुभव भी देगा। पैरों के नीचे बहती पवित्र गंगा का नज़ारा ऋषिकेश की प्राकृतिक सुंदरता को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा, जिससे शहर की छवि हमेशा के लिए बदल जाएगी। यह आधुनिक इंजीनियरिंग का बेहतरीन उदाहरण बनेगा, जो परंपरा और नवाचार का सुंदर संगम प्रस्तुत करेगा।
बजरंग सेतु निश्चित रूप से ऋषिकेश को विश्व के प्रमुख साहसिक पर्यटन स्थलों में शामिल करने वाला एक नया आकर्षण बनेगा!
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