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हाट कालिका सिद्ध पीठ: गंगोलीहाट का पवित्र शक्तिपीठ
गंगोलीहाट, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से लगभग 77 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहां स्थित हाट कालिका सिद्ध पीठ को कुमाऊं क्षेत्र के अठारह शक्तिपीठों में से सबसे अधिक मान्यता प्राप्त सिद्ध पीठ माना जाता है। यह मंदिर माँ कालिका को समर्पित है और यहां का मुख्य देवी रूप माँ महिषासुरमर्दिनी है, जो दुष्ट राक्षस महिषासुर के संहार के लिए प्रसिद्ध हैं।
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Toggleस्थापना और धार्मिक महत्व
हाट कालिका सिद्ध पीठ की स्थापना आदि शंकराचार्य द्वारा की गई थी। इस शक्तिपीठ का महत्व उन धार्मिक स्थलों में है, जहां देवी ने अपनी महाशक्ति का प्रदर्शन कर धर्म की रक्षा की थी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस स्थान पर देवी माँ और महिषासुर राक्षस के बीच युद्ध हुआ था। उस समय माँ कालिका ने महिषासुर का वध कर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की थी। इस घटना से यह स्थान भक्तों के लिए बहुत पवित्र और पूजनीय माना गया है।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
गंगोलीहाट के मणकोटी राजाओं के समय में यह शक्तिपीठ काफी महत्व रखता था। अपनी सीमाओं की सुरक्षा और राज्य की खुशहाली के लिए मणकोटी राजा यहाँ माँ कालिका का विशेष पूजन करवाते थे। इस प्रकार, हाट कालिका मंदिर केवल धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है।
कुमाऊं रेजीमेंट और हाट कालिका का संबंध
हाट कालिका देवी को कुमाऊं रेजीमेंट के जवानों के बीच विशेष स्थान प्राप्त है। वे देवी को शौर्य और साहस का प्रतीक मानते हैं और अपनी हर विजय यात्रा में देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने यहाँ आते हैं। रेजीमेंट का युद्ध घोष “जय हाट काली” इस मंदिर से ही प्रेरित है।
निस्वार्थ भक्ति का केंद्र
हर वर्ष लाखों भक्त यहाँ अपनी श्रद्धा व्यक्त करने आते हैं। नवरात्रि और अन्य विशेष अवसरों पर यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यहाँ आने वाले भक्तों का मानना है कि देवी माँ की आराधना से उनके कष्ट दूर होते हैं और वह शक्ति और साहस प्राप्त करते हैं।
यात्रा और दर्शन
पिथौरागढ़ से गंगोलीहाट तक का मार्ग पहाड़ी इलाकों से गुजरता है, जो बेहद सुंदर और मनमोहक है। मंदिर तक पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को हल्की चढ़ाई करनी पड़ती है, जो स्वयं में एक आनंददायक अनुभव है। मंदिर के आसपास का वातावरण शांत और आध्यात्मिक होता है, जो भक्तों को एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देता है।
हाट कालिका सिद्ध पीठ, माँ महिषासुरमर्दिनी का एक पवित्र शक्तिपीठ है, जो धर्म और आस्था का केंद्र बिंदु है। गंगोलीहाट का यह स्थान न केवल कुमाऊं के भक्तों के लिए बल्कि पूरे देश के श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था का केंद्र है। देवी के प्रति श्रद्धा और भक्ति यहाँ के वातावरण में सजीव हो उठती है, जो यहाँ आने वाले हर भक्त को अद्भुत शांति और शक्ति प्रदान करती है।
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