चंद वंश (Chand Vansh)

(700 से 1790)

चंद वंश कुमाऊं पर शासन करने वाली एक महान राज वंश था, इस वंश में लगभग 62 शासकों ने शासन किया था।

चंद्र वंश की इतिहास के बारे में जानकारी की जो स्रोत है, वह सीमित है, क्योंकि चंद वंश में जिस समय राजा कल्याण चंद शासक था तो  उस समय रोहिल्लों  ने यहां कुमाऊं पर आक्रमण किया, और कुमाऊं क्षेत्र पर लूटपाट मचाई राजा कल्याण चंद राजधानी छोड़कर गढ़वाल भाग् गया था, रोहिल्लों द्वारा चंद वंश के दफ्तरों में आग लगा दी गई और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को नष्ट कर दिया गया ।

चंदवंश के प्रारंभिक शासक मांडलिक राजा थे वह डोटी के शासकों को  कर दिया करते थे, भारती चंद  चंद वंश  का प्रथम  ऐसा शासक था जिसने डोटी के शासक को कर देने से मना किया था  और डोटी के विरुद्ध 12 वर्षीय सैन्य अभियान किये  डोटी के शासक को कर देने के लिये मजबूर किया  ।

भारती चन्द चंद  वंश का प्रथम स्वतंत्र शासक था जिसने चंदों की स्वतंत्रता  सत्ता को स्थापित किया अपना स्वतंत्र अस्तित्व बनाया ।

इतिहास गवाह है कि जिस राज वंश का उदय हुआ है, एक न एक दिन उस राजवंश का अंत भी हुआ है  उन वंशों के अंत का कारण अयोग्य शासक आंतरिक विद्रोह रहे हैं । चंद वंश के पतन का कारण चंद वंश में हुए आंतरिक विद्रोह व षड्यंत्र को माना जा सकता है, 

 

चंद वंशके संस्थापक के संबंध में मत

* इस वंश के संस्थापक के बारे में इतिहासकारों के अलग-अलग मत है ।

* ई० एटकिंसन व बद्रीदत्त पांडे ने सोमचंद को चंद वंश का संस्थापक माना था ।

* डब्लू फ्रेजर व फ्रांसिस हैमिल्टन ने थोहरचंद को चंद वंश का संस्थापक माना था ।

 

सोम चंद के निवास स्थान को लेकर मत

* सोमचंद के मूल निवास को भी लेकर इतिहासकारों के अलग-अलग मत है-

* ईo एटकिंसन, बद्री दत्त पांडे, व वॉल्टन जैसे इतिहासकारों ने सोमचंद को प्रयागराज इलाहाबाद के निकट झूसी नामक स्थान का माना था ।

* विकेट का कहना था यह वह झांसी का निवासी था ।

* कुछ इतिहासकारों ने सोमचंद को कन्नौज का निवासी बताया था ।

* सबसे प्रमाणिक मत सोमचंद के मूल निवास स्थान को लेकर वह प्रयागराज झूसी का निवासी का था यही प्रमाणिक मत सिद्ध होता है ।

 

काली( कुमु )चंपावत

 

चंद वंश के स्थापित होने की कहानी काली कुमु चंपावात से शुरू होती है ।

काली कुमाऊं चंपावत में ब्रह्मदेव नामक शासक शासन करता था, उसकी दो पुत्रियां थी उसने अपनी एक पुत्री का विवाह तीर्थ यात्रा में आए हुए ।

प्रयाग झूसी के निवासी राजकुमार सोमचंद से अपनी पुत्री का विवाह किया और दहेज में चंपावत का कुछ क्षेत्र  दान में दिया था ।

 इस काली कुमाऊं चंपावत क्षेत्र में सोमचंद ने एक नए राजवंश की नींव रखी जिसे कुमाऊं के इतिहास में चंद वंश के नाम से जाना गया ।

इस चंदवंश ने काफी लंबे समय तक कुमाऊं पर शासन किया इस वंश मे लगभग 62 शासक हुए थे ।

 

महत्वपूर्ण तथ्य चंद वंश के विषय में

 

* चंद वंश का संस्थापक था –  सोमचंद

* चंद वंश का प्रथमस्वतंत्रताशासक था – भारतीचंद 

* चंद वंश का स्वर्ण काल किस के शासन काल को कहा जाता है – जगतचंद 

* चंद वंश में  सबसे लंबा कार्य काल था – गरूड़ज्ञान चंद 

* उत्तराखंड इतिहास में गढ़वाल और कुमाऊं की गद्दी पर बैठने वाला एकमात्र शासक था – प्रदुमन शाह

* चंद वंश का अंतिम शासक था – महेंद्र चंद 

* चंद वंश का वह शासक जिसके समय चंदो के हाथ से सत्ता चली गई थी, और  खसो ने दो सौ वर्ष तक शासन किया था – वीणाचंद

* चंद वंशकी सत्ता को पुनःस्थापित करने का श्रेय जाता है ( वह शासक जिसने खसों से पुन: चंद वंश की सत्ता को वापस लिया था) – वीर चंद ने

* कुमांऊ में पंचयती राज व्यवस्था की शुरुवात  करने वाला शासक था – सोमचंद 

* चंद वंश  के समय कुमांऊ में रेशम का का रखाना किसने लगाया था-  इंद्रचंद

* चंद का वह प्रथम शासक जो दिल्ली दरबार गया था -गरुड़ ज्ञानचंद

नोट- जब गरुड़ ज्ञानचंद  दिल्ली गया तो में उस समय दिल्ली में फिरोज शाह तुगलक  शासक था  उसके द्वारा गरुड़ ज्ञानचंद को  गरुड़ की उपाधि दी गयी थी ।

* चंद वंश का अंतिम शासक  था – मोहनचंद था

* चंद वंश का एकमात्र शासक  जिसे दो बार गद्दी पर बैठने का मौका मिला था -मोहन चंद 

* चंद वंश का प्रथम शासक जिसके बारे में प्रमाणित सूचना अभिलेख से मिलती है- अभयचंद

* चंद वंशका प्रथम शासक जिसने गढ़वाल पर आक्रमण किया था – कीर्तिचंद

* चंद वंश में प्रथम भूमि बंदोबस्त किस चंद शासक के कार्यकाल में हुआ था – रत्न चंद

* चंद वंश का वह शासक जिसने दिल्ली के विद्रोही खवास खां को कुमाऊं शरण दी थी-  माणिकचंद

* चंद वंश का वह शासक जिसने राजधानी चंपावत से अल्मोड़ा स्थानांतरित  करने की योजना बनाई थी और वह इस योजना को पूरा नहीं कर पाया था – राजा भीष्म चंद

* चंद् वंश का वह शासक जिसने राजधानी चंपावत से अल्मोड़ा स्थानांतरित की थी ( अपने पिता के राजधानी स्थानांतरित  करने के योजना को पूरा किया था ) – बालों कल्याण चंद

* किस चंद शासक के कार्य काल के दौरान प्रथम मुस्लिम आक्रमण कुमाऊं क्षेत्र में  हुआ था – रुद्रचंद 

* कुमाऊं पर प्रथम मुस्लिम आक्रमण करने वाला वह आक्रमणकारी कौन था – हुसैन खां टुकड़िय

* किस चंद शासक ने  मुगलों सेना पति  को इक्फा युद्ध में पराजित किया था  – रुद्रचंद

* चंद वंश का प्रथम शासक जो मुगल दरबार गया था – रूद्रचंद

नोट- रूद्रचंद मुगल बादशाह अकबर से मिलने उसके दरबार में गया था लेकिन अकबर लाहौर अभियान पर था तो उसने अकबर से मुलाकात लाहौर में की थी  ।

* किस किस चंद शासक ने अपना राज पुरोहित बीरबल को नियुक्त किया था – रुद्रचंद

* चंद वंश का वह शासक जो जहांगीर से मुलाकात करने उसके दरबार गया था  –  लक्ष्मीचंद 

* चंद वंश का वह शासक जिसने  8 बार गढ़वाल पर आक्रमण किया था – लक्ष्मीचंद 

* चंद वंश का वह शासक जो शाहजहां से मुलाकात करने उसके दरबार गया था- बाज बहादुर चंद 

नोट- शाहजहां द्वारा बाज बहादुर को बहादुर की उपाधि व नगाड़ा बजाने का फरमान जारी किया था

*  चंद वंश का प्रथम शासक था जिसने तिब्बत पर आक्रमण किया और तिब्बती हुणियों पर सिरती कर लगया था – बाजबहादुर चन्द

* किस चंद शासक ने कुमाऊं पर जजिया कर लगाया था – बाज बहादुर चंद

* चंद वंश का वह शासक जिसने कुमाऊं में आंतरिक विद्रोह के समय   गढ़वाल शासक श्यामशाह के वहां शरणली थी – तिरुमल चंद 

* भारती चंद के बाद डोटी पर आक्रमण करने वाला  चंद वंश का शासक था – उद्योग चंद 

नोट- उद्योग चंद ने डोटी के शासक को कर देने के लिये मजबूर किया था 

* चंद वंश का वह शासक जिसने लक्ष्य दीपावली मनाई थी – उद्योग चंद

* चंद वंश का वह शासक जो गढ़वाल से  नंदा देवी की स्वर्ण मूर्ति लेकर आया था – राजा ज्ञानचंद 

* चंद वंश का वह शासक  जिसने गौसहस्त्र दान किया था – जगतचंद 

* चंद वंश का वह शासक जिसको कुमाऊं का मोहम्मद बिन तुगलक कहा जाता है –  राजा देवी चंद

नोट-  देवी चंद चंद वंश का  एकमात्र शासक था, जिसने एक मुस्लिम दाऊद खां को अपना सेनापति नियुक्त किया था ।

* किस चंद शासक को अनपढ़ शासक कहा जाता है – राजा कल्याण चंद

नोट- जिस समय राजा कल्याण चंद को नेपाल से लाया गया वो नेपाल में मजदूरी करता था 

 * रोहिल ने  कुमांऊ पर आक्रमण किस चंद शासक के समय किया था – राजा कल्याण चंद 

नोट- राजा कल्याण चंद (कुमांऊ शासक ) व प्रदीप शाह (गढ़वाल शासक ) ने रोहिलों के विरुद्ध संयुक्त अभियान किया था ।

* किस चंद शासक को हैमल्टन में गूंगा शासक कहा था –   राजा दीप चंद

नोट- राजा दीपचंद एक ऐसा चंद शासक था, जिसकी सेना ने पानीपत के युद्ध में भाग लिया था ।

* चंद्र वंश का शासक जिसकी रानी ने राजकाज के काम में हस्तक्षेप किया था – दीपचंद

* चंद्र वंश की वह रानी जिसने शासन राजकाज में हस्तक्षेप किया  था – श्रृंगार मंजरी 

* चंद वंश का अन्तिम शासक था – राजा मोहन चंद 

* कुमांऊ पर गोरखा शासक या ( नेपाल शासक ने आक्रमण किया) था  -1790 में उस समय गोरखा शासक रणबहादुर था  और चंद वंश का शासक महेंद्र चंद था ।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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