उत्तराखंड में बना देश का प्रथम लाइकेन गार्डन

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उत्तराखंड मुनस्यारी में बना देश का प्रथम लाइकेन गार्डन

* उत्तराखंड पिथौरागढ़ के नयनाभिराम पर्वतीय क्षेत्र मुनस्यारी  में देश का पहला लाइकिंग गार्डन तैयार किया है ।

* यह लाइकेन गार्डन डेढ़ एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है जिसमें 80 प्रजातियों को संरक्षित किया गया है । लाइकेन,(कवक) को स्थानीय भाषा में झूला या पत्थर के फ़ूल भी कहा जाता है ।

 

लाइकेन की जानकारी प्रतियोगी परीक्षा की दृष्टि से

* लाइकेन ग्रीक भाषा का शब्द है लाइकेन शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग थियोफ्रेस्ट्स ने किया था।

* लाइकेन का अध्ययन लाइकेनोलॉजीमे किया जाता है।

* लाइकेन कवक तथा शैवाल से मिलकर बनते हैं इसमें कवक तथा शैवाल का संबंध सहजीवी जैसा होता है ।

* कवक जल खनिज लवण विटामिन आदि शैवाल को देता है शैवाल प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा कार्बोहाइड्रेट का निर्माण कर कवक को देता है ।

* कवक तथा शैवाल के बीच इस तरह की सहजीवी संबंध को हेलोटिज्म कहते हैं ।

* लाइकेन विश्वव्यापी है । यह विभिन्न स्थानों पर जैसे पेड़ के तने, दीवारों, चट्टानों व मृदा आदि पर पाए जाते हैं यह समुद्र के किनारों से लेकर पहाड़ों के ऊँचे शिखर  तक पाए जाते हैं। परंतु वर्षा प्रचूर उष्णकटिबंधीय वनों में बहुतायात पाए जाते हैं ।

* लाइकेन वायु प्रदूषण के संकेतक होते हैं जहां वायु प्रदूषण अधिक होता है वहां लाइकेन नहीं उगते ।

* पेड़ों की छाल पर उगने वाले लाइकेन को कोर्टीकोल्स कहा जाता है ।

* चट्टान पर उगने वाले लाइकेन उनको सेक्सीकोल्स कहा जाता है

लाइकेन का आर्थिक महत्व

जैवसूचक के रूप में

* लाइकेन वायु प्रदूषण के प्रति जैवसूचक के रूप में कार्य करते हैं लाइकेन वायुमंडल में उपस्थित वायु प्रदूषण तथा SO2 के प्रति अति संवेदी होते है SO2 की उपस्थिति में लाइकेन नष्ट हो जाते है

मानव भोजन के रूप में

* इजराइल में लेकानोरा खाया जाता है

* पर्मेलिया को भारत में करी पाउडर के रूप में प्रयोग किया जाता है

* एवर्निया को मिश्रवासी ब्रेड बनाने में प्रयोग करते हैं

जंतुओं के भोजन के रूप में

* टुंड्रा प्रदेश में रेनडियर मास केलेडोनिया रेगिफेरिना तथा सिटरेरिया आइलैडिका का प्रयोग जंतु भोजन के रूप में किया जाता है।

औषधि के रूप में लाइकेन

* लाईकेन में लाइकेनिन नामक रसायन पाया जाता है विभिन्न रोगों के उपचार में प्रयुक्त किया जाता है ।

* असनिया तथा क्लेडोनियानामक लाइकेन उसे प्राप्त आसनिकअम्ल एक विस्तृत वाला एंटीबायोटिक है।

* जिसका उपयोग जलन एवं घावों के उपचार हेतु मरहम बनाने में किया जाता है

* पमेलिया लाईकेन का उपयोग मिर्गी उपचार में किया जाता है ।

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2 टिप्पणियाँ

Vipin · जुलाई 8, 2020 पर 7:56 पूर्वाह्न

Great work sir

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