उत्तराखंड वैदिक काल- साहित्य में उत्तराखंड उल्लेख

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वैदिक सभ्यता
भारतीय इतिहास में हम वैदिक सभ्यता के अंतर्गत ऋग्वेद काल या इसे पूर्व वैदिक काल कहते है इसका अद्ययन करते है वा उत्तर वैदिक काल का अध्ययन करते है
वैदिक साहित्य में वेद, ब्रहामण ग्रंथ, आरण्य, उपनिषद को शामिल किया जाता है
वेद 
* वेदों के संकलनकर्ता कृष्ण द्वेपयान (वेद व्यास) जी है
* वेदों की संख्या 4 है- ऋग्वेद,युजर्वेद,सामवेद, अर्थवेद
* ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है
* अर्थवेद सबसे नया वेद है

 1- उत्तराखण्ड का प्रथम उल्लेख  हमें प्राप्त हुआ है- ऋग्वेद से


5- पुराण का शाब्दिक अर्थ ‘प्राचीन आख्यान’ होता हैै। 

नोट- पुरानों के संकलनकर्ता ऋषि लोमहर्ष व अनके पुत्र उग्रस्राव

6- पुराण की संख्या कितनी है – 18 


मत्स्य, मार्कण्डेय,भविष्य,भगवत, ब्राहाण्ड़, ब्राहवैवर्त, ब्रहा, वामन,वराह, विष्णु, वायु, अग्नि, नारद, पद्म, लिंग,गरूण, कूर्म एंव स्कन्द ।

7- सबसे प्राचीन पुराणः- मत्स्य पुराण  है 

8- पुराणों के अंतर्गत हम प्राचीन शासकों की वंशावली पाते हैं। 

* विष्णु पुराण का संबध मौर्य वंश से है।


* मत्स्य पुराण का संबध सातवाहन वंश से है।


* वायुपुराण का संबध  गुप्तवंश से है।



* उत्तराखंड प्रमुख उड्यार (गुफा)

9- बद्रीनाथ (चमोली ) – गणेश, स्कन्द, नारद, व्यास, मुजकुंद, रामगुफा, टिमरसैण, भरत व हनुमानगुफा, लंगासू, गरूण स्थित हैं 

* नोटः- व्यास गुफा में महर्षि वेदव्यास जी ने जन्मेेजय को ब्राहमण हत्या के दोष निवारण के लिए महाभारत की कथा सुनाई थी । 

* व्यास जी ने यहाँ पर षष्टिलक्ष  संहिता की रचना करी थी 

10- दुश्यांत और शंकुतला का प्रेम प्रंसग से जोड़ा गया हैं- कण्वाश्रम-कोटद्वार (पौड़ी) 

* नोट – कण्वाश्रम मालनी नदी के किनारे बसा है 

* कोटद्वार शहर खोये नदी के किनारे बसा है 

11- शकुन्तला विश्वामित्र व अप्सरा मेनका की पुत्री थी राजा दुष्यंत हस्तिनापुर के शासक थे 

12- चक्रवाती सम्राट भारत की जन्मस्थली भी कण्वाश्रम है 

13- कण्वाश्रम  में महाकवि कालिदास जी द्वारा अभिज्ञानशाकुन्तलम् की रचना की गई थी।

महाकवि कालिदास के प्रमुख ग्रंथ

* ऋतुसंहार, 
* मेघदूत, 
* कुमारसंभव, 
* रघुवंश, 
* मालविकाग्निमित्र, 
* विक्रमोर्वशीय, 
* अभिज्ञानशांकुतलम् 

14- सीतावनी – रामनगर यहाँ पर कुछ दूरी पर महार्षि बाल्मिकी का आश्रम भी है 

15 – श्रीनगर – प्राचीन नाम श्रीक्षेत्र यहां पर सुबाहु नामक शासक ने महाभारत युद्ध में भाग लिया था 

16- बौद्ध साहित्य में उत्तराखंड को हिमवंत कहा गया है 


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