भारत संविधान की अनुसूचियां

वर्तमान में भारतीय संविधान में 12 अनुसूचियां हैं , जिन का विवरण इस प्रकार है।
पहली अनुसूची- राज्य व संघ राज्य क्षेत्र
इसमें वर्तमान भारत के 28 राज्य तथा 8 संघ राज्य क्षेत्रों का उल्लेख है ।
दूसरी अनुसूची- वेतन भत्ते
इसके अंतर्गत भारत के प्रमुख पदाधिकारियों जैसे राष्ट्रपति और राज्यपालों लोकसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष राज्यसभा के सभापति, उपसभापति, विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा विधान परिषद के सभापति, उपसभापति उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों तथा भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक को प्राप्त होने वाले वेतन भत्ते पेंशन आदि का उल्लेख है।
तीसरी अनुसूची- शपथ और प्रतिज्ञान के प्रारूप
इसके अनुसार संसद के सदस्यों व संघ के मंत्रियों उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों राज्य विधान मंडल के सदस्यों व मंत्रियों तथा भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक को दिलाएं जाने वाली शपथ का प्रारूप दिया गया है।
अनुच्छेद 60 के तहत राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 69 के तहत उपराष्ट्रपति द्वारा तथा अनुच्छेद 159 के तहत राज्यपाल द्वारा ली जाने वाली शपथ का प्रारूप दिया गया है।
चौथी अनुसूची-राज्यसभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है।
इसके अंतर्गत भारत के सभी 28 राज्यों तथा तीन संघ राज्य क्षेत्रों यथा दिल्ली पुडुचेरी और जम्मू कश्मीर के राज्यसभा में प्राप्त प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है।
राज्यसभा की कुल 245 सीटों में से 233 सीटें विभिन्न राज्यों को आवंटित है जिसमें सर्वाधिक 31 सीट उत्तर प्रदेश की है।
पांचवी अनुसूची – SC ,ST क्षेत्रों प्रशासन
इसमें अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन व नियंत्रण के बारे में उपबंध है।
छठी अनुसूची
इसके तहत असम, मेघालय,त्रिपुरा और मिजोरम के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में उपबंध किया गया है।
सातवीं अनुसूची-संघ और राज्यों के मध्य शक्तियों के विभाजन
इसमें संघ और राज्यों के मध्य शक्तियों के विभाजन के बारे में दिया गया है, इसके अंतर्गत निम्नलिखित तीन सूचियां है संघ सूची., राज्य सूची, तथा समवर्ती सूची
संघ सूची में कुल 97 विषयों वर्तमान में 100 का उल्लेख है जिस पर विधि बनाने का अधिकार केवल संघ को है।
राज्य सूची में कुल 66 विषय वर्तमान में 61 है जिन पर विधि राज्य द्वारा बनाई जाती है।
समवर्ती सूची में कुल 47 विषयों वर्तमान में 52 का उल्लेख है जिन पर विधि बनाने का अधिकार संघ तथा राज्य दोनों का है
आठवीं अनुसूची भाषाएं
मूल रूप से या जब भारतीय संविधान लागू हुआ था तो भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में कुल 14 भाषाएं थी वर्तमान समय में भारतीय संविधान की अनुसूची में 22 भाषाएं हैं।
1967 में भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 21 वां संविधान संशोधन द्वारा सिंधी भाषा को शामिल किया गया था जो भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ी गयी प्रथम भाषा थी ।
1992 में भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 71 वे संविधान संशोधन द्वारा 3 भाषाएं – कोकणी, मणिपुरी तथा नेपाली, को शामिल किया गया था ।
2003 में भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 92 वे संविधान संशोधन द्वारा 4 भाषाएं बोडो,डोगरी, संथाली तथा मैथिली, को शामिल किया गया है ।
नौवीं अनुसूची
नोट- यह अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन 1951 द्वारा जोड़ी गई है
इसमें कुछ अधिनियम और विनिमय के विधि मानी करण का प्रबंध किया गया है इस अनुसूची में सम्मिलित विषयों को न्यायालयों में चुनौती नहीं दी जा सकती है वर्तमान में इस अनुसूची में कुल 284 अधिनियम है
दसवीं अनुसूची- दल बदल
नोट – यह अनुसूची 52 वां संविधान संशोधन अधिनियम 1985 द्वारा इसमें जोड़ी गया है।
इसमें दलबदल से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख किया गया है। उल्लेखनीय है कि दल बदल के आधार पर निरहर्ता संबंधी प्रश्नों का विनिश्चय यथास्थिति सदन के अध्यक्ष या सभापति द्वारा किया जाता है ।
ग्यारहवीं अनुसूची- पंचायतों को शक्तियां
नोट – यह अनुसूची 73 वें संविधान संशोधन 1992 द्वारा जोड़ी गया है, इसमें पंचायतों को कार्य करने के लिए कुल 29 विषय प्रदान किए गए हैं ।
इसमें पंचायतों को शक्तियां तथा प्राधिकार प्रदान किया गया है ।
बारवीं अनुसूची- नगर पालिका की शक्तियां
नोट -यह अनुसूची 74 वे संविधान संशोधन द्वारा 1992 जोड़ी गया है
इसमें नगर पालिका की शक्तियां का उल्लेख है इसके अंतर्गत शहरी क्षेत्र की स्थानीय निकायों को कार्य करने के लिए 18 विषय प्रदान किए गए हैं
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