बागेश्वर जनपद- इतिहास-पर्यटन-धार्मिक स्थल

बागेश्वर
* बागेश्वर 15 सितंबर 1997 को जिला बना था ।
* यह उत्तराखंड का यह पूर्ण आंतरिक जिला है।
* बागेश्वर की जनपद सीमा – 3 जनपद के साथ है- पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर
* बागेश्वर में सरयू और गोमती व लुप्त सरस्वती नदी का संगम स्थित है ।
* मुख्यालय – बागेश्वर
* बागेश्वर का क्षेत्रफल- 2302 वर्ग किमी० है ।
* कुल जनसंख्या- 2,59,898
* पुरुष जनसंख्या – 12,4,326
* महिला जनसंख्या – 1,35,572
* जनघनत्व – 116
* साक्षरता – 80.01 %
* पुरुष साक्षरता – 92.33%
* महिला साक्षरता 69.03%
* लिंगानुपात – 1090 महिलायें/1000 पुरुषों
* विधान सभा की सीट – 2 है , 1- बागेश्वर, 2- कपकोट
* तहसीलें – कंडा,कपकोट,गरुड़, बागेश्वर,दुगनाकुरी,काफलीगैर
* विकास खण्ड – कपकोट, कंडा,गरुड़,
बागेश्वर भूगौलिक स्थल
प्रमुख दर्रे
* लपास दर्रा- (बागेश्वर-पिथौरागढ़) कमिश्नर ट्रेल द्वारा 1930 में खोजा था
* सुन्दरढुंगा दर्रा- बागेश्वर और चमोली के बीच संकरा रास्ता है।
प्रमुख पर्वत – नीलेश्वर और पूर्व में भीलेश्वर र्वत पर स्थित है।
प्रमुख ग्लेशियर–
* मैकातोली
* कफनी
* सुखराम
* हीरामणी
* पिण्डर,
* पिण्डारी ग्लेशियर- राज्य का दूसरा बड़ा हिमनद है।
* पिण्डारी ग्लेशियर- बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चमोली जिले में 30 किमी तक फैला है।
* अल्कनंदा की सहायक नदी पिण्डर पिण्डारी हिमनद से निकलती है।
* पिण्डारी हिमनद के पास भोजपत्र के वृक्ष पाए जाते है ।
बुग्याल- कफनी बुग्याल
प्रमुख नदी –
बागेश्वर जिले में प्रवाहित होने वाली नदियाँ – सरयू, गोमती, पिंडर
प्रमुख ताल-
परिताल, सुकुण्डा ताल, बैजनाथ झील, जिलंम झील, सुरज कुंड, देवीकुण्ड
बागेश्वर के कुण्ड –
* देवीकुण्ड
* सूरज कुण्ड
* अग्नि कुण्ड
* सुकुण्ड
प्रमुख गुफाः-
सानी उड्यार, गौरी उड्यार, जोगीबाड़ा उड्यार, भद्रकाली गुफा, छुकोरी डाना लधु उडियार
पर्यटन स्थल
कौसानी –
* पिंगलनाथ की पहाड़ी पर बसा है,
* कौसानी प्रचीन नाम बलना है ।
* कौसानी एक स्वास्थवर्धक पर्यटन स्थल है समय -समय पर भारत के महापुरूषों ने यहाँ की यात्रा की है ।
* महात्मा गाँधी ने 1929 में कुमांऊ की प्रथम यात्रा की है और यहाँ 18 दिन प्रवास के दौरान अन्नाशक्ति योग नाम से गीता पर टिकायं लिखी है जहाँ गाँधी जी ने प्रवास किया था आज वहां आश्रम है जिसे अन्नाशक्ति आश्रम (गाँधी आश्रम) कहते है ।
* कौसानी प्रवास के दौरान गाँधी जी ने बागेश्वर की यात्रा की और वहां स्वराज मन्दिर का शिलान्यास किया था ।
* गाँधी जी ने यंग इंडिया के लेख में कौसानी को भारत का स्वीट्जरलैंड कहा है ।
* प्राकृति के सुकुमार कवि सुमित्रा नंदन पन्त जी की जन्म भूमि है कौसानी है, इनके पैतृक निवास स्थल को संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है जहाँ इनके जीवन से जुड़ी वस्तु का संग्रह है ।
* पंत जी हिन्दी साहित्य के लिये ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले प्रथम व्यक्ति है यह पुरस्कार इन्हें 1968 ई० में मिला ।
* गाँधी जी की शिष्य सरला बहिन जिनका मूलनाम कैथरीन मैरी हैलेमाईन था,उन्होंने यहां में लक्ष्मी आश्रम की स्थापना की थी ।
गरुड़
* गोमती नदी- कत्यूरी घाटी एंव गरूण घाटी में बहती है।
* बैजनाथ- प्राचीन नाम बैधनाथ
* बैजनाथ धाम यहाँ पर मन्दिर समूह है जिनका निर्माण कत्यूरी शासक भूदेव द्वारा किया गया है मुख्य मन्दिर में पर्वती जी पत्थर की मूर्ति है जो कांस्य की प्रतीत होती है यहाँ पर एक मानव न्रिमित झील भी है ।
कोट भ्रामणी मंदिर – डंगोली गांव मंदिर देवी दुर्गा मां को समर्पित है। यहा कोट की माई का मेला आयोजित होता है ।
कोट भ्रामणी कत्यूरियों की अधिश्ठात्री देवी थी ।
गागरी गोल- यहां से 1992-93 में खंड़ित शावागार प्राप्त हुए है।
तैलीहाट- कत्यूरी कालिन स्थल है।
धार्मिक स्थल व मन्दिर
* बागनाथ मंदिर- इस मंदिर का निर्माण नागर शैली में हुआ है ।
* इस मंदिर का निर्माण चंद वंशीय शासक लक्ष्मी चंद ने करवाया था ।
* कमेड़ी देवी का मंदिर बागेश्वर में है ।
* चंडिका देवी मंदिर
* नीलेश्वर महादेव मन्दिर
* भीलेश्वर मंदिर
* कुकड़ा देवी मन्दिर – एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है एक शिला है जिसकी माँ भगवती रूप मानकर पूजा की जाती है
* नौलिंग मन्दिर – कपकोट तहसील में पट्टी नाकुरी के सनगाड़ ग्राम में
* उखलेश्वर महादेव मन्दिर मझेड़ा गाँव में
* चिल्ठामाई मन्दिर सूपी ग्राम पंचयात में मन्दिर के आस पास मनोहारी बुग्याल है
* कलिका मंदिर कांडा पड़ाव में
* रक्षक देवल मन्दिर – मूर्ति विहीन मन्दिर है
* सत्यनारायण मन्दिर – तैलीहाट गाँव के निकट
* रणचूला देवी मन्दिर
* द्वारकाधीश मन्दिर – कौसानी
* रुद्रधारी मन्दिर कांटली कौसानी से 8 किमी० दूरी पर है
* पिनाकेश्वर कांटली से 5 किमी०
* बंजैण देवता –
* भद्रकाली मंदिर- कालीमठ के समान मान्यता वाला शक्तिपीठ है ।
* सास बहु का खेत- बागेश्वर में है।
ऐतिहासिक घटना
* स्वतंत्रा के दौरान जेल जाने वाले प्रथम व्यक्ति मोहन मेहता
* स्वतंत्रा के दौरान जेल जाने वाले प्रथम महिला – विशनी देवी शाह
* 1921 मकर संक्रान्ति के दिन बद्रीदत्त पाण्डे व उनके सहयोगी द्वारा यहां पर कुली बेगार के रजिस्टरों फाड़कर सरयू नदी में बहा दिए गय थे, तथा बेगार न देना का संकल्प लिया गया था इस दिन के बाद से बद्रीदत्त पाण्डे को कुमांऊ केसरी की उपाधि दी गयी थी ।
* स्वामी सत्यदेव ने उत्तराखण्ड में कुली बेगार आन्दोलन को असहयोग आन्दोलन की प्रथम ईट कहा है ।
*महात्मा गांधी ने कुली बेगार आन्दोलन को रक्त हीन क्रान्ति की संज्ञा देते हुए इसे राष्ट्र आन्दोलन का अगवा कहा है।
* कुली बेगार आन्दोलन के समय कुमाऊँ कमिश्नर पर्सी विढ़म था ।
* विक्टर मोहन जोशी द्वारा बागेश्वर में महात्मा गाँधी जी से स्वराज मन्दिर का शिलान्यास कराया गया ।
* 1925 में बागेश्वर मेले में विक्टर मोहन जोशी ने खादी प्रदर्शनी का आयोजित की।
* 1929 में जब गाँधी जी कुमांऊ यात्र की थी तो बागेश्वर में उन्होंने वीर चन्द्र गढ़वाली को अपने हाथ से टोपी दी थी उन्होंने टोपी लेकर पहनी साथ में टोपी की कीमत चुकाने का प्रण दिया ।`
2 टिप्पणियाँ
Gaurav verma · जनवरी 10, 2021 पर 10:25 पूर्वाह्न
Nice sir ji
Guruji · जनवरी 10, 2021 पर 2:58 अपराह्न
thanks