दादा साहब फाल्के पुरस्कार
मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहब फाल्के पुरस्कार 8 अक्टूबर 2024 को राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रदान किया जाएगा l
कुछ दिन पूर्व भारत की सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विन वैष्णो ने घोषणा कि है, हिंदी सिनेमा के प्रतिष्ठित कलाकार मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा यह पुरस्कार यह पुरस्कार सिनेमा में असाधारण योगदान के लिए दिया जाता है l
बात कि जाए तो मिथुन चक्रवर्ती कि तो उन्हें डिस्को डांसर के नाम से भी जाना जाता है वह अपने डांस के लिए साथ ही साथ दमदार अभिनय के लिए जाने जाते है, मिथुन चक्रवर्ती ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुवात मृगया फ़िल्म से शुरू किया था और इनके पहली ही फ़िल्म ने नेशनल आवार्ड जीता था, अब तक मिथुन चक्रवर्ती को तीन बार नेशनल आवार्ड प्रदान किया गया है, l
2024 में मिथुन चक्रवर्ती जी को पदम् श्री पुरस्कार भी प्रदान किया गया है l
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार परिचय : भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है l
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च और सबसे प्रतिष्ठित सम्मान है, जिसे भारत सरकार द्वारा फिल्म जगत में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के जनक, धुंडीराज गोविंद फाल्के, जिन्हें प्यार से दादा साहेब फाल्के कहा जाता है, के नाम पर रखा गया है। 1969 में स्थापित यह पुरस्कार सिनेमा जगत की उन महान हस्तियों को समर्पित होता है जिन्होंने भारतीय फिल्म उद्योग के विकास और उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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Toggleदादा साहेब फाल्के: भारतीय सिनेमा के जनक
धुंडीराज गोविंद फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 को महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर में हुआ था। वे एक बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे जिन्होंने कला, फोटोग्राफी, और फिल्म निर्माण में दक्षता हासिल की। दादा साहेब ने अपनी पहली फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ 1913 में बनाई, जो भारत की पहली फुल-लेंथ फीचर फिल्म थी। यह मूक फिल्म भारतीय सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई और इसे देखकर भारतीय फिल्म उद्योग की नींव रखी गई।
उनका योगदान सिर्फ एक फिल्म निर्माता के रूप में ही नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा को एक सशक्त और प्रभावी माध्यम बनाने में भी महत्वपूर्ण रहा। उनकी आखिरी फिल्म ‘गंगावतरण’ 1937 में रिलीज हुई थी, और उन्होंने अपने करियर में कुल 125 फिल्में बनाई। फाल्के का सिनेमा जगत में योगदान इतना महान था कि उन्हें “भारतीय सिनेमा के जनक” की उपाधि दी गई।
पुरस्कार की स्थापना और महत्व
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की स्थापना 1969 में भारत सरकार द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य उन कलाकारों, निर्माताओं, निर्देशकों और तकनीशियनों को सम्मानित करना है जिन्होंने भारतीय सिनेमा को समृद्ध किया है। यह पुरस्कार पहली बार भारतीय सिनेमा की अग्रणी अभिनेत्री देविका रानी को प्रदान किया गया था। तब से लेकर आज तक, इस सम्मान को भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी हस्तियों ने प्राप्त किया है।
पुरस्कार के अंतर्गत एक स्वर्ण कमल पदक, एक शॉल, एक रेशम की पट्टिका, एक प्रमाण पत्र, और 15 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है। 2024 में इसकी पुरस्कार राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख कर दिया गया है। इसे हर साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दिया जाता है, जो सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत फिल्म महोत्सव निदेशालय द्वारा आयोजित किया जाता है।
चयन प्रक्रिया
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं का चयन भारतीय फिल्म उद्योग की प्रतिष्ठित हस्तियों से बनी एक चयन समिति द्वारा किया जाता है। यह समिति फिल्म उद्योग के विशेषज्ञों और वरिष्ठ व्यक्तियों की होती है, जो सिनेमा में असाधारण योगदान को पहचानती है और इस सर्वोच्च सम्मान के योग्य व्यक्ति का चुनाव करती है।
प्रमुख प्राप्तकर्ता
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार पाने वाले प्रमुख विजेताओं की सूची सिनेमा जगत की महान हस्तियों से भरी हुई है। यह पुरस्कार पहली बार 1969 में देविका रानी को दिया गया, जबकि 2024 में इसे प्रसिद्ध अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को प्रदान किया गया।
इस पुरस्कार से सम्मानित कुछ अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों में शामिल हैं:
- 1984: सत्यजीत रे – प्रसिद्ध बंगाली फिल्म निर्देशक।
- 1989: लता मंगेशकर – स्वर कोकिला।
- 2015: मनोज कुमार – देशभक्ति फिल्मों के लिए प्रसिद्ध अभिनेता।
- 2019: रजनीकांत – भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार।
- 2020: आशा पारेख – हिंदी फिल्मों की प्रतिष्ठित अभिनेत्री।
- 2021: वहीदा रहमान – हिंदी सिनेमा की प्रमुख अदाकारा।
मिथुन चक्रवर्ती: 2024 के विजेता
2024 में, यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिथुन चक्रवर्ती को प्रदान किया गया है, जिन्होंने अपनी फिल्मों और अदाकारी से लाखों लोगों का दिल जीता है। मिथुन चक्रवर्ती न केवल एक शानदार अभिनेता हैं बल्कि वे एक बेहतरीन डांसर और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उनकी फिल्मों ने भारतीय सिनेमा में एक नया आयाम जोड़ा है, और उनकी पहचान एक ऐसे अभिनेता के रूप में है, जिन्होंने अपनी बहुमुखी प्रतिभा से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है
दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता की सूची
1 पुरस्कार 1969 - देविका रानी (प्रथम प्राप्तकर्ता)
2- पुरस्कार 1970 – बीरेंद्रनाथ सरकार
3-पुरस्कार 1971 – पृथ्वीराज कपूर
4- पुरस्कार 1972 – पंकज मलिक
5-पुरस्कार 1973 - रूबी मायर्स (सुलोचना)
6-पुरस्कार 1974 - बी.एन. रेड्डी
7-पुरस्कार 1975 – धीरेन्द्र नाथ गांगुली
8-पुरस्कार 1976 - कानन देवी
9-पुरस्कार 1977 – नितिन बोस
10-पुरस्कार 1978 – रे माधुरी राय चंद्र बोराल
11-पुरस्कार1979 - सोहराब मोदी
12- पुरस्कार1980 - पी0 जयराज
13-पुरस्कार1981 – नौशाद अली
14-पुरस्कार1982 - एल. वी. प्रसाद
15-पुरस्कार 1983 – दुर्गा खोटे
16-पुरस्कार 1984 - सत्यजीत रे
17-पुरस्कार 1985 – वी. शांताराम
18-पुरस्कार 1986 - बोम्मीरेड्डी नरसिम्हा रेड्डी
19-पुरस्कार 1987 - राज कपूर
20-पुरस्कार 1988 – अशोक कुमार
21 पुरस्कार 1989 – लता मंगेशकर
22-पुरस्कार 1990 - अक्किनेनी नागेश्वर राव
23-पुरस्कार 1991 – भालजी पेंढारकर
24-पुरस्कार 1992 - भूपेन हजारिका
25-पुरस्कार 1993 – मजरूह सुल्तानपुरी
26-पुरस्कार 1994 – दिलीप कुमार
27-पुरस्कार 1995 – राजकुमार
28-पुरस्कार 1996 - शिवाजी गणेशन
29-पुरस्कार 1997 - कवि प्रदीप
30-पुरस्कार 1998 - बी. आर. चोपड़ा
31-पुरस्कार1999 – हृषिकेश मुखर्जी
32-पुरस्कार2000 – आशा भोंसले
33-पुरस्कार2001 – यश चोपड़ा
34-पुरस्कार2002 - देव आनंद
35-पुरस्कार2003 - मृणाल सेन
36-पुरस्कार2004 - अडूर गोपालकृष्णन
38-पुरस्कार2005 – श्याम बेनेगल
39-पुरस्कार2006 - तपन सिन्हा
40-पुरस्कार2007 - मन्ना डे
41-पुरस्कार2008 - वी. के. मूर्ति
42-पुरस्कार2009 - डी. रामानायडू
43-पुरस्कार2010 - के. बालाचंदर
44-पुरस्कार2011 - सौमित्र चटर्जी
45-पुरस्कार2012 - प्राण
46-पुरस्कार2013 - गुलज़ार
47-पुरस्कार2014 - शशि कपूर
48-पुरस्कार2015-मनोज कुमार
49-पुरस्कार2016 - के. विश्वनाथ
50-पुरस्कार2017 - विनोद खन्ना
51-पुरस्कार2018 - अमिताभ बच्चन
52पुरस्कार 2019 - रजनीकांत
पुरस्कार 2020 - आशा पारेख
पुरस्कार 2021 -
पुरस्कार 2022 -
पुरस्कार 2023 - वहीदा रहमान
निष्कर्ष
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार न केवल एक व्यक्तिगत सम्मान है बल्कि यह भारतीय सिनेमा की उस समृद्ध धारा को भी दर्शाता है, जिसने देश और दुनिया में भारतीय फिल्मों का कद बढ़ाया है। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के सच्चे नायकों का आदर और सम्मान करता है, जिन्होंने अपनी कला और प्रतिभा से सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
1 टिप्पणी
Kamlesh Kumar · अक्टूबर 2, 2024 पर 6:39 अपराह्न
Great sir ji