gageshwar-temple samooh -almora

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जागेश्वर मंदिर समूह

 

 

 

उत्तराखंड में जागेश्वर मंदिर का अपना एक धार्मिक महत्व है जागेश्वर मंदिरअपने मंदिर समूह तथा वस्तु कला के लिए प्रसिद्ध है यह एक शिव धाम है इसे उत्तराखंड का पांचवा धाम भी कहा जाता है

जागेश्वर मंदिर की स्थिति

यह मंदिर अल्मोड़ा जनपद में जटागंगा नदी के तट पर स्थित है, जो चारो ओर से चीड़ देवदार के वृक्ष से घिरा है l

 

जागेश्वर मंदिर के समूह

जागेश्वर मंदिर समूह में 124 छोटे बड़े मंदिरों का समूह है, जो राज्य का सबसे बड़ा मंदिर समूह है l

यहां के सभी मंदिर कत्यूरी शैली में निर्मित है l

जागेश्वर मंदिर समूह में सबसे प्राचीन मंदिर  –  महामृत्युंजय मंदिर है l

जागेश्वर मंदिर समूह में सबसे विशाल (बड़ा) मंदिर – दिनेश्वरा मंदिर है l

 

 जागेश्वर मंदिर का निर्माण 

आठवीं से दसवीं सती में निर्मित इन कलात्मक मंदिरों का निर्माण कार्तिकेय  राजाओं ने कराया जागेश्वर योगेश्वर नाम से यहां जी लिंग की पूजा होती है उसे 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक कहा गया है l

पार्वती मान्यताओं के अनुसार जागेश्वर का जागनाथ मंदिर नागेशनमक ज्योतिर्लिंग है जिसका निर्माण नागवंशी राजाओं ने करवाया था

महामृत्युंजय मंदिर में विशाल शिवलिंग की स्थापना है मानता है जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने स्वयं यहां आकर इस शिवलिंग को मंत्र से से कीलित किया था l

जागेश्वर मंदिर की दूरी – कैसे पहुंचे 

दिल्ली से बाय ट्रेन और बस हल्द्वानी पहुंचा जाता है फिर वहां से अल्मोड़ा के लिए बस द्वारा दूर तय की जाती है; अल्मोड़ा पहुँच से पिथौरागढ़ जाने वाले मार्ग पर अल्मोड़ा से 36 किलोमीटर की दूरी पर जागेश्वर धाम स्थित है l

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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