हिलजात्रा महोत्सव -hill-jatra folk festival

पर Guruji द्वारा प्रकाशित

* भारत एक विविधता में एकता वाला देश है यहाँ पर अनेक जाति, धर्म, समुदाय के लोग निवास करते है इतनी विविधता होने से यहाँ अलग-अलग राज्यों में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक,धार्मिक, पर्वों का आयोजन किया जाता है जो देश को एक रूप में जोड़ने का कार्य करते है ।

* यह उत्सव उत्तराखंड में सोर घाटी पिथौरागढ़ में मुख्यता कुमौड़ में मनाया जाता है, इसके अलावा  बजेटी व रावल गाँव देवस्थल अस्कोट कनालीछीना में  भी मनाया जाता है, यह कृषक एव चरवाहों का उत्सव है।

* हिलजात्रा में मुखोटा नृत्य नाटिका का प्रस्तुति करण किया जाता है यह मुख्य रूप से कृषि पर्व है  इस उत्सव का मुख्य पात्र लाखिया भूत है लाखिया भूत को भगवान शिव के प्रिय गण वीरभद्र के रूप मानते है ।

 

हिलजात्रा महोत्सव मनायें जाने के सम्बन्ध में मत 

* हिलजात्रा के इतिहास को नेपाल से जोड़ा जाता है, हिलजात्रा को नेपाल में इन्द्रजात्रा कहा जाता है।

किवदंती के अनुसार-

*  नेपाल के राजा ने चार महर भाइयों कुवंर सिंह महर, चंचल सिंह महर, जाख सिंह महर, चेहजसिंह महर को उनकी बहादुरी से प्रसन्न होकर ये जात्रा उपहार स्वरूप भेंट की थी साथ ही हल, मुखौटे भी उपहार में दिये ।

* नेपाल की यात्रा से ये  भाई पिथौरागढ़ वापस आये , इन्होंने सर्वप्रथम उत्सव पिथौरागढ़ कुमौड़ गाँव  में मनाया  था, उस समय से इस पर्व का अयोजन प्रतिवर्ष किया जा रहा है,  उस समय इस यात्रा को हलजात्रा कहा जाता था, वर्तमान में इसे  हिलजात्रा कहा जाता है ।

* हिलजात्रा में नृत्य नाटिका का  स्वांग किया जाता है, जिसमें मुख्य पात्र लाखिया भूत होता है,लेकिन हिरन,बैल की जोड़ियाँ व ढोल-दामाउ बजाते कलाकार  व महिला द्वारा धान की रुपाई का स्वांग  आदि किया जाता है यह पर्व उत्तराखंड की संस्कृति को अलग पहचान दिलाता है पूर्वजों द्वारा दी गई इस विरासत को आज कृषि  पर्व के रूप में मनाया जाता है  जो आकर्षक व मन को मोहने वाला होता है ।

 

 

 

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4 टिप्पणियाँ

Ganesh arya · नवम्बर 19, 2020 पर 2:17 पूर्वाह्न

Ye kiss samya banaya jata h, guru ji ?

Ritesh agri · जनवरी 31, 2021 पर 7:49 अपराह्न

Thank you sir ji

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