राजमाता कमलेन्दुमती शाह

पर Guruji द्वारा प्रकाशित

*  स्वतंत्रता के बाद उत्तराखंड में 1 अगस्त 1949 को टिहरी रियासत के भारतीय संघ के विलय पत्र पर हस्ताक्षर टिहरी रियासत के अन्तिम शासक मानवेन्द्र शाह ने किये थे ।

 

* नरेंद्र शाह की मृत्यु के बाद व टिहरी रियासत के भारतीय संघ में विलय होने के बाद रानी कमलेन्दुमती शाह ने पुत्र मानवेंद्र शाह को सांसद का चुनाव लड़ने को कहा लेकिन किसी कारण वश मानवेंद्र शाह का चुनाव पर्चा रद्द हो जाने पर राजमाता कमलेन्दुमती शाह  चुनाव में उतरी अपना चुनावी पर्चा भरा और वह निर्दलीय बिजनौर लोक सभा से चुनाव जीती उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा सिंह को हराया था ।

* राजमाता कमलेन्दुमती शाह को उत्तराखंड में प्रथम महिला सांसद होने का गौरव प्राप्त हुआ, साथ ही वह भारत की पहली निर्दलीय महिला सांसद बनी थी ।

 

* अब तक लोक सभा का निर्दलीय चुनाव जीतने वाली 3 महिलायें है – उनमें राजमाता कमलेन्दुमती शाह भी है इनके अलावा अन्य  महिलायें कुमारी मस्कारीन और मेनका गाँधी ने जीत हासिल की है ।

 

* राजमाता कमलेन्दुमती शाह के सांसद बनने के बाद उन्होंने अपने कर्तव्य और दायित्वों का पालन पूरी निष्ठा ईमानदारी से किया, कठिन होता है, राजमहल से निकलकर जनता के बीच कार्य करना लोक प्रिय बनना, ये सब कार्य इन्होंने कर दिखाया तथा अपनी अलग पहचान बनाई ।

*1954 में राजमाता कमलेन्दुमती शाह ने संसद में निजी विधेयक महिला और बाल संस्था (लाइसेंसिंग बिल)  पर चर्चा करवाई थी ।

 

* कमलेन्दुमती शाह ने जन व महिला कल्याण के लिय कार्य किये विधवा, बेसहरा, अनाथ, महिलाओं के लिये शिक्षा व्यवस्था  कराई, स्कूल खुलवाये व महाराजा नरेन्द्र शाह ट्रस्ट की स्थापना करी थी ।

* 1958 में इन्हें सामाजिक कार्यों के लिया पदम् श्री अवार्ड दिया गया, यह राज्य की प्रथम महिला पदम् श्री अवार्ड पाने  वाली बनी 

 

 

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3 टिप्पणियाँ

Kamlesh kumar · जनवरी 24, 2021 पर 1:09 अपराह्न

👌👌👌

Kamlesh kumar · जनवरी 24, 2021 पर 1:10 अपराह्न

Ky baat h 👌👌👌

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