कौसानी

कौसानी उत्तराखंड में बागेश्वर जनपद में स्थित अत्यधिक सुंदर हिल स्टेशन है, इसकी सुंदरता का पता इस बात से लगाया जा सकता है, कि राष्ट्रीय पिता गाँधी जी ने इसे भारत का स्विटजरलैंड कहा था |
कौशिक मुनि की तपस्थली होने से इसका आधुनिक नाम कौसानी है |
पहले यह अल्मोड़ा जनपद में था वर्तमान में बागेश्वर जनपद में स्थित है |
इसका प्राचीन नाम बालना है |
कत्यूरी काल में इसे हत्छीना कहा जाता था |
कौसानी प्रमुख स्थल
कौसानी में सूर्य उदय सूर्यास्त का मनोहर दृश्य दिखाई देता है साथ साथ यहाँ से गढ़वाल हिमालय में स्थित उत्तराखंड की ऊँची चोटी को देखा जा सकता है |
कौसानी पिंगलनाथ की पहाड़ी पर स्थित है यहाँ पर कांटली गाँव में पिनाकेश्वर महादेव मंदिर(पीनाथ मंदिर ) है जिसे चंद राजा बाजबहादुर ने बनवाया था |
रुद्रधारी महादेव मंदिर के पास रुद्रधारी जलप्रपात है |
द्वारिकाधीश मंदिर
कौसानी प्रसिद्ध छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत जी की जन्म स्थली है, उनका जन्म 20 मई 1900 में यहीं हुआ था |
उनके आवास को वर्तमान में सुमित्रानंदन पंत राजकीय संग्रहालय के नाम से जाना जाता है, जहां उनके जीवन से जुड़ी वस्तुओं को रखा गया है |
महात्मा गांधी जी द्वारा कुमाँऊ की यात्रा 1929 में की गयी,इस यात्रा दौरान उन्होंने कौसानी में लगभग 14 दिन प्रवास किया था |
यहाँ पर अनाशक्ति नाम से गीता पर टीका लिखी जिस बंगले मे गांधीजी ने प्रवास किया था वर्तमान में उसे अनाशक्ति आश्रम (गांधी आश्रम) के नाम से जाना जाता है |
गांधीजी की शिष्या कैथरीन हैलीमन जिन्हें उत्तराखंड में सरला बहिन के नाम से जाना जाता है उन्होंने यहाँ लक्ष्मी आश्रम जिसे कस्तूरबा महिला उत्थान मंडल के नाम से भी जाना जाता है कि स्थापना करी थी |
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