मोलाराम जीवन परिचय-molaram biography
मोलाराम
* जन्म वर्ष – 1743
* जन्म स्थान – श्रीनगर
* पिता का नाम – मंगत राम
* माता का नाम – रमा देवी
* पत्नी का नाम –
* गुरु का नाम – रामसिहं (रायसिंह)
* व्यवसाय (जाति) – स्वर्णकारी
* शिष्य – चेतू व मानूक
* मृत्यु – 1833
जीवन परिचय
* मोलाराम एक कुशल कवि, इतिहासकार व राजनीतिज्ञ थे, उत्तराखंड के इतिहास में उनका विशेष योगदान रहा है ।
* मोलाराम के चित्रों की विशेषता इनके चित्र और कवित्व के समन्वय में है ।
* मोलाराम बहुभाषावादी थे इन्हें हिन्दी, फारसी, संस्कृत के साथ-साथ ब्रज भाषा का भी ज्ञान था ब्रज भाषा में भी इनकी रचनायें उपलब्ध है ।
* मोलाराम प्रारम्भ में गोरखनाथ सम्प्रदाय के समर्थक थे बाद में इन्होंने मन्मथ सम्प्रदाय को अपनाया था ।
* मोलाराम को गढ़वाल के परमार वंश के शासकों ने संरक्षण दिया था सर्वप्रथम इन्हें प्रदीपशाह ने संरक्षण दिया प्रदीपशाह मोलाराम से चित्रकारी सीखने टिहरी से श्रीनगर आते थे ।
* फिर ललितशाह ,जयकृतशाह, प्रद्युमनशाह, सुदर्शन शाह ने संरक्षण दिया था ।
* मोलाराम को गढ़वाल शासक ने कभी भी राजकवि का दर्जा नही दिया था ।
* अगर राजनीतिक के तौर पर मोलाराम का अंकन किया जाये तो वह कुशल राजनीतिज्ञ थे, क्योंकि जब गढ़वाल शासक जयकृत शाह के समय विद्रोह हुये तो मोलाराम ने गढ़वाल शासक की ओर से सिरमौर के शासक के पास एक चित्र के ऊपर कविता लिख संदेश भेजा था ।
* जिससे सिरमौर शासक जगत प्रकाश प्रसन्न हुये उन्होंने श्रीनगर पहुंचकर विद्रोह को दबाया था ।
* उत्तराखंड में गोरखा आधिपत्य हो जाने पर इनके गोरखा से अच्छे समबंध रहे मोलाराम ने नेपाल शासक रणबहादुर और गीवार्णयुद्ध विक्रम शाह की प्रसंशा की थी ।
* मोलाराम ने नेपाल शासक रणबहादुर को दानवीर कर्ण की उपाधि दी थी ।
मोलाराम उपलब्धि
* बैरिस्टर मुकन्दी लाल ने ही सर्वप्रथम मोलाराम के चित्रों को विश्व प्रसिद्धि दिलाई थी ।
* बैरिस्टर मुकन्दी लाल ने गढ़वाल पेंटिंग्स, समनोट्स ऑन मोलाराम आदि रचनायें लिखि ।
* अजित घोष,कुमार स्वामी जैसे चित्र समीक्षक ने मोलाराम के चित्रों की प्रशंसा की है ।
* राजपुत्र चित्रकला पुस्तक के लेखक डा० आनन्द कुमार स्वामी ने अपनी पुस्तक में मोला राम को गढ़वाली चित्र शैली का आचार्य घोषित किया ।
* हिमालयन आर्ट्स पुस्तक के लेखक जे०सी० फ्रेंच ने अपनी पुस्तक में मोलाराम की प्रशंसा की है ।
* मोलाराम के चित्र गढ़वाल पेंटिंग्स के नाम से विश्व की प्रसिद्ध आर्ट गैलरी बोस्टन में सुरक्षित है ।
* मोलाराम चित्र संग्रहालय श्रीनगर में स्थित है ।
मोलाराम की प्रमुख रचनायें
* मोलाराम ने अपने ग्रन्थों में स्वयं के लिये संत तथा साधु शब्द का प्रयोग किया था ।
* मौलाराम के सात हस्तलिखित ग्रन्थ प्राप्त हुए है ।
* गढ़गीत संग्राम – ब्रज भाषा में लिखी गयी ।
* मन्मथ सागर हस्त लिखित ग्रन्थों में सबसे बड़ा ग्रन्थ है यह आध्यात्मिक ग्रन्थ था ।
* श्रीनगर दुदर्शा
* गढ़राजवंश काव्य में मोलाराम ने गोरखा वीरों के युद्ध कौशल का वर्णन किया है ।
* मोलाराम ने गोरखाली-अमल, दीवाने-इ-मौलाराम,बख्तावर-जस-चन्द्रिका में गोरखाओं के क्रूर शासन का वर्णन किया है ।
* कलिदास द्वारा रचित अभिज्ञानशकुन्तलम का हिन्दी अनुवाद मोलाराम द्वारा किया गया है ।
मोलाराम के प्रमुख चित्र
* राधाकृष्ण मिलन, कालिया दमन, चकोर प्रिया, मोर प्रिया, कदली प्रिया,अभिसारिक नायिका, उत्कंठिता नायिका, महादेवी पर्वती,मयंक मुखी आदि है ।
* इनकी मृत्यु के बाद इनके चित्र नष्ट हो गये या कह सकते है बिखर गये थे गढ़वाल चित्रशैली की खोज देश- विदेश के अनेक संग्रहालय में की जा सकती है।
6 टिप्पणियाँ
Ravindra bhatt · नवम्बर 3, 2020 पर 3:37 अपराह्न
Nice sir …. 🙏🙏
Guruji · नवम्बर 5, 2020 पर 6:57 पूर्वाह्न
thanks
Ravindra bhatt · नवम्बर 3, 2020 पर 3:38 अपराह्न
बहुत सुंदर उच्च कोटि का मार्गदर्शन …. 🙏🙏
Guruji · नवम्बर 5, 2020 पर 6:56 पूर्वाह्न
thanks
Guruji · नवम्बर 16, 2020 पर 2:13 अपराह्न
thanks
Guruji · नवम्बर 16, 2020 पर 2:13 अपराह्न
thanks