नारायण दत्त तिवारी का जीवन परिचय

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बहुत कम लोग होते है, जो जीवन में प्रसिद्धि पाते है, उन्हीँ में से एक नाम है नारायण दत्त तिवारी यह एक सफल राजनीतिज्ञ रहे, लेकिन जीवन में विवादों से भी इनका दामन जुड़ा रहा,यह उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड  के मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे थे, यहाँ पर इन्होंने  ने विकास कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई अत: इन्हें विकास पुरूष के नाम से जाना  जाता था, इनकी मृत्यु इनके जन्म दिवस के दिन हुई थी ।

 

 

* जन्म वर्ष – 18 अक्टूबर 1925

* जन्म स्थान – बतूली गाँव  नैनीताल

* पिता का नाम – पूर्णानन्द तिवारी

* माता का नाम – श्रीमती इंद्रावती तिवारी

*  पत्नी का नाम – सुशीला

* जैविक पुत्र रोहित शेखर की माँ उज्ज्वला से दूसरा विवाह 14 मई 2014 में किया

* व्यवसाय (जाति) – राजनेता

* मृत्यु – 18 अक्टूबर 2018 को

स्थान- मैक्स हॉस्पिटल (नई दिल्ली)

 

* नारायण दत्त तिवारी प्रारम्भिक शिक्षा नैनीताल, हल्द्वानी, बरेली से की फिर उच्च शिक्षा प्राप्त करने इलाहाबाद चले गये इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीतिक शास्त्र में इन्होंने एम० ए० व एल० एल० बी किया था ।

 

* इनकी उम्र 16 वर्ष की थी जब  इन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया लेकिन अंग्रेजों ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया था ।

* यह मूल रूप से कांग्रेस के सिद्धान्तों एवं नेहरु से गहरे प्रभावित थे अत: छात्र अवस्था में इन्होंने राजनीति में भाग लेना शुरू किया ।

 

राजनीतिक सफर

*  1947 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष  चुने गये थे ।

* 1952 में 26 वर्ष की आयु में इन्हें उत्तरप्रदेश की विधान सभा में नैनीताल सीट  से प्रजा समाजवादी पार्टी के टिकट से विजय हुए उस समय इन्हें सबसे युवा विधायक बनने का गौरव प्राप्त हुआ था ।

 

* तिवारी जी की राजनीति जीवन की शुरुवात प्रजा समाजवादी पार्टी से हुई  थी ।

 

* 1963 में यह कांग्रेस में शामिल हुए हो गये थे, यही से इनके एक सफल राजनीतिज्ञ कैरियर की शुरुआत हुई थी ।

* 1971 में उत्तर प्रदेश में उद्योग विभाग मिला था

 

* 1979-1980 के बीच वित्त मंत्री  रहे, चौधरी चरण सिंह की सरकार में 

1980 यह केन्द्र सरकार में योजना आयोग के डिप्टी चेयरमैन रहे थे ।

*1985 उद्योग मंत्री भी रहे थे ।

*  राज्य सभा सांसद भी रहे

* 1986-1987 विदेश मंत्री रहे,राजीव गाँधी के कार्यकाल में  ।

 

तीन बार उत्तरप्रदेश के मुख्य मंत्री रहे 

* प्रथम बार – 1976 से 1977 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे ।

* दूसरी बार- 1984 से सितम्बर 1985 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।

* तृतीय बार- 1988 जून से 1989  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे ।

 

उत्तराखंड के मुख्य मंत्री

* यह उत्तराखंड राज्य क्रम में तीसरे तथा  राज्य के प्रथम निर्वाचित मुख्य मंत्री बने यह एक मात्र उत्तराखंड राज्य  के मुख्य मंत्री है जिसने अपना 5 साल कार्य काल पूरा किया  2002 से 2007  

 

* नरेंद्र तिवारी दो राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले भारत के एकमात्र नेता थे ।

* 2007 से 2009 यह आंध्रप्रदेश के राज्यपाल रहे थे विवादों में घिर जाने से इस्तीफा देना पड़ा।

 

* इनके जीवन में एक बार ऐसा अवसर आया था, जब तिवारी जी भारत के प्रधानमंत्री बन सकते थे, लेकिन वह नैनीताल सीट से लोक सभा चुनाव हार गये थे ।

 

* नारायण दत्त तिवारी-ए लाइफ स्टोरी ‘ इनकी जीवनी का नाम है जो डी० पी० नौटियाल ने लिखी है ।

 

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4 टिप्पणियाँ

Pintoo · नवम्बर 16, 2020 पर 2:16 पूर्वाह्न

Thank u sir ji

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