रिंगाल

पर Guruji द्वारा प्रकाशित

रिंगाल को बौना बांस भी कहा जाता है ।

 जिनमें देव रिंगाल,गोलू रिंगाल, थाम रिंगाल, सराडू रिंगाल, भट्टपुत्रु देशी रिंगाल, मालिंग रिंगाल आदि 

 रिंगाल एक बहुउपयोगी पौधा है इसे झाड़ी में शामिल किया जाता है यह पर्यावरण संतुलन बनाने में भी सहायक है यह भूस्खलन को भी रोकने में सहायक होता है

रिंगाल का प्रयोग हस्तशिल्प उद्योग में किया जाता है रिंगाल से  रोटी रखने की टोकरी, लिखने की कलम, अनाज को साफ करने का सूप, झाड़ू, चटाई आदि बनाने में प्रयोग लाया जाता है 

 वर्तमान समय में रिंगाल से घरों की सजावट का सामान भी बनाया जाता है

 

 

 

 

 

 

 

 

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