Udhamsingh Nagar district

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ऊधम सिंह नगर उत्तराखंड राज्य का एक प्रमुख जिला है, जिसका गठन 30 सितम्बर 1995 को नैनीताल जिले से किया गया। यह जिला अपने ऐतिहासिक महत्व, सांस्कृतिक धरोहर और औद्योगिक विकास के लिए प्रसिद्ध है। इसका नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी ऊधम सिंह के नाम पर रखा गया, जिन्होंने 13 मार्च 1940 को लंदन में जनरल डायर की हत्या की थी। ऊधम सिंह का यह कृत्य जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला था, जिसने उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अमर कर दिया। ऊधम सिंह नगर में सिख पहाड़ी बंगली थारू जनजाति व् मुस्लिम समुदाय के लोग निवास करते है l

 

ऊधम सिंह नगर का इतिहास

ऊधम सिंह नगर का क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से तराई और भाबर क्षेत्रों के अंतर्गत आता है। मुगल सम्राट अकबर ने 1588 ईस्वी में रुद्रपुर क्षेत्र को चंद शासक रूद्रचंद को फरमान के रूप में सौंपा था। उसके बाद तराई क्षेत्र पर कटेहर राजाओं का अधिकार हुआ बाजबहादुर के समय पुनः चंद वंश के आधीन हुआ फिर ब्रिटिश काल में यह पहले अवध प्रांत का भाग रहा कुमाऊं पर ब्रिटिश शासन स्थापित होने पर उन्हेने तराई जिले का गठन किया था फिर इसे कुमाऊं कमीश्नरी में शामिल कर लिया गया  स्वतंत्रता तक यह कुमाऊं कमीश्नरी का भाग रहा फिर आजादी के बाद यह सयुंक्त प्रांत उत्तरप्रदेश में शामिल हुआ l   

तराई और भाबर क्षेत्र को 1864-65 में ब्रिटिश शासन द्वारा ‘तराई-भाबर अधिनियम’ के तहत संगठित किया गया। रुद्रपुर को चंद शासन के दौरान सैन्य शिविर के रूप में स्थापित किया गया था और यह क्षेत्र बाद में रूहेलों और चंद शासकों के बीच कई संघर्षों का केंद्र रहा।

ऊधम सिंह नगर की भौगोलिक स्थिति 

ऊधम सिंह नगर राज्य के सबसे दक्षिणी जिले के रूप में जाना जाता है, जो मुख्य रूप से तराई क्षेत्र में स्थित है। यह जिला उत्तराखंड के मैदानी जिलों में से एक है और इसका क्षेत्रफल 2,542 वर्ग किलोमीटर है। इसकी सीमाएं नैनीताल और चम्पावत जिलों से मिलती हैं साथ ही साथ पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश से भी लगती है । ऊधम सिंह नगर राज्य का औद्योगिक केंद्र भी है, जिसमें रुद्रपुर, काशीपुर और सितारगंज प्रमुख औद्योगिक हब हैं।

पंतनगर उत्तराखंड राज्य का सर्वाधिक तापमान वाला जिला है l

 

प्रशासनिक और राजनैतिक  स्थिति 

ऊधम सिंह नगर की स्थापना 30 सितम्बर 1995 में हुई थी l जार्ज समिति की सिफिरिश के आधार पर इसे उत्तराखंड में शामिल किया गया है,ऊधम सिंहनगर का जनपद मुख्यालय रुद्रपुर में है  कुमाऊं में सबसे ज्यादा विधान सभा की सीट वाला जिला उधमसिंग नगर है विधान सभा की 9 सीट है l 1-रुद्रपुर 2-काशीपुर 3-गद्दरपुर 4-किच्छा 5-सितारगंज 6-जसपुर 7-खटीमा 8-बाजपुर 9-नानकमत्ता यह अनुसूचित जनजाति की सीट है l  

ऊधम सिंह नगर में तहसील की संख्या 8  है तथा विकास खंड की संख्या 7 है l 

ऊधम सिंह नगर में नगर निगम की संख्या 2 है 1-रुद्रपुर और 2-काशीपुर

ऊधम सिंह नगर की सीमा उत्तरप्रदेश राज्य से लगती है 

प्रमुख झील ताल प्रमुख मेले 

गूलर भोज झील – रुद्रपुर 

नानक सागर झील  – सितारगंज 

बोर जलाशय – रुद्रपुर 

तुमड़िया डैम – काशीपुर 

द्रोणासागर झील – काशीपुर 

गिरताल -काशीपुर 

 

प्रमुख पर्यटक स्थल 

  • रुद्रपुर: यह जिला मुख्यालय होने के साथ-साथ एक प्रमुख ऐतिहासिक स्थल भी है। इसका नाम चंद शासक रूद्रचंद के नाम पर पड़ा और यहाँ का सैन्य शिविर ऐतिहासिक महत्व रखता है।
  • काशीपुर: प्राचीन नाम गोविषाण, यह शहर अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के प्रमुख मंदिरों में बाला सुन्दरी देवी का मंदिर और मोटेश्वर महादेव का मंदिर शामिल हैं।
  • नानकमत्ता साहिब: यह सिख धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो ऊधम सिंह नगर जिले में स्थित है। यह गुरु नानक देव से जुड़ी एक पवित्र धार्मिक स्थल है।
  • गूलर भोज झील – रुद्रपुर 
  • बाजपुर कसबे को चंद शासक बाज बहादुर ने बसाया था l
  • पंत नगर –  में भारत के प्रथम कृषि विश्व विद्यालय की स्थापना की गयी थी यहाँ हर वर्ष किसान मेले आयोजन किया जाता है जिसे कृषि कुम्भ भी कहा जाता है पंत नगर में ही कुमांऊ का एयरपोर्ट स्थित है l 

ऊधम सिंह नगर का औद्योगिक और कृषि महत्व

ऊधम सिंह नगर जिला उत्तराखंड के सबसे औद्योगिक रूप से विकसित जिलों में से एक है। यहाँ कई प्रमुख उद्योग और फैक्ट्रियाँ स्थित हैं, जिनमें पंतनगर में स्थित नेस्ले का प्लांट, सितारगंज में हिमालयन फूड पार्क, और बाजपुर की चीनी मिल शामिल हैं। बाजपुर की सहकारी चीनी मिल देश की पहली सहकारी मिल के रूप में जानी जाती है, जिसकी स्थापना 1959 में हुई थी।

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय इस जिले का एक अन्य प्रमुख संस्थान है, जिसे 1960 में स्थापित किया गया था और इसे भारत में हरित क्रांति का जनक माना जाता है। इस विश्वविद्यालय ने भारत में कृषि और खाद्य उत्पादन में कई महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं।

ऊधम सिंह नगर में प्रमुख त्योहार और मेले

  • अटरिया मेला: रूद्रपुर में आयोजित होने वाला यह मेला नवरात्रि के समय होता है और धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है।
  • चैती मेला: यह मेला काशीपुर में बाला सुन्दरी देवी के मंदिर में चैत्र मास की अष्टमी को आयोजित किया जाता है, जो 15 दिनों तक चलता है। यह मेला शाक्त संप्रदाय से जुड़ा है और इसमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
  • राम डोला: मेला खटीमा में लगता है l

निष्कर्ष

ऊधम सिंह नगर जिले का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक महत्व इसे उत्तराखंड के प्रमुख जिलों में से एक बनाता है। ऊधम सिंह नगर अपनी समृद्ध विरासत, धार्मिक स्थलों, औद्योगिक विकास और कृषि क्रांति में योगदान के लिए जाना जाता है। यहाँ के पर्यटक स्थल, धार्मिक स्थल और औद्योगिक हब इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन और व्यापारिक केंद्र बनाते

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