उत्तराखंड की नहरें (uttarakhand canal)

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*उत्तराखंड में नहरों का इतिहास ब्रिटीश शासन काल से माना जाता है ।

*लेकिन उत्तराखंड राज्य में पंवार वंश की रानीकर्णावती ने ब्रिटिश शासन से पूर्व यहाँ देहरादून में राजपुर नहर बनवाई थी ।

*उत्तराखंड में ब्रिटिश काल के दौरान नहरों का सबसे ज्यादा विकास हुआ था ।

*अंग्रेज अफ्सर प्रोबी काटले को नहरों के निर्माण विकास का श्रेय जाता है ।

*आज वर्तमान में राज्य छोटी बड़ी कई नहर उपस्थित है जिन का प्रयोग कृषि कार्यों में सिंचाई के लिये किया जाता  है ।

*इन नहरों  की देख रेख  व रख रखाव का कार्य भार उत्तराखंड सिंचाई विभाग के पास है ।

 

  राजपुर नहर –(Rajpur canal)

*देहरादून जनपद में है जो राज्य की सबसे पुरानी नहर है जिसका निर्माण रानी कर्णावती  ने किया था ।

*बाद में इस नहर के रख रखाव  का कार्य  गुरुरामराय  गुरद्वरा के महंतो ने किया फिर 1817 में ब्रिटिशर ने इस नहर का  रख रखाव  अपने पास ले लिया था ।

*इस नहर से देहरादून के स्थानीय क्षेत्र लाभान्वित है ।

 

  गंग नहर -(Gang canal)

*गंग नहर का निर्माण 1843 से 1854 के मध्य प्रोबी काटले के नेतृत्व में किया गया था यह ब्रिटिश शासन काल में बनी हरिद्वार की सबसे पुरानी नहर है ।

 

*गंग नहर के निर्माण के समय काटले को हिन्दु पुजारी तथा स्थानीय जनता के विरोध का सामना करना पड़ा था।

*क्यों की पुरातन काल से ही गंगा नदी की पवित्रता व धार्मिक महत्व होने से इसकी जल धारा को लेकर को रोकने व कैद करने को लेकर जनता में आक्रोश था बाद में काटले ने स्थानीय लोगों को इस नहर के निर्माण के लिये सहमत किया।

 

*तथा गंगा के किनारे स्नान घाटों को  बनाने  व मरम्त कराने का वादा किया ।

*गणेश वन्दना से जब काटले  ने गंग नहर का निमार्ण कार्य शुरू किया था ।

 

*गंग नहर हरिद्वार के भीमगौड़ा से शुरू होती है जो ही उत्तर प्रदेश मे कानपुर तक जहाँ, इसे निचली गंग नहर के नाम से जाना जाता है ।

 

*गंग नहर का उद्घाटन लार्ड डलहोजी ने किया था ।

 

*गंग नहर  के निर्माण के दौरान रुड़की इंजीनेरिंग कालेज की स्थापन की गयी व साथ ही साथ प्रयोगिक तौर पर सर्वप्रथम 1851 में मालगाड़ी के दो डिब्बे गंग नहर के लिये मिट्टी ढोने के लिये रुड़की से पिरान कलियर प्रयोग में लाये गये थे

 

बीजापुर नहर – (Beejapur canal)

*बीजापुर नहर का डिज़ाईन काटले ने किया इसका निर्माण कार्य 1839 में किया गया ।

*यह नहर  टोंस नदी  पर बनाई गयी थी ।

 

*यह नहर गढ़ी गाँव के पास दो शाखाओं  में बंट जाती है –  कोलागिर नहर व कांवली 

*1905 में इस नहर के शीर्ष का पुनर्निर्माण किया गया ।

*इस नहर से देहरादून के स्थानीय क्षेत्र लाभान्वित है ।

 

कटापत्थर नहर – (Katapathr Canl)

*यह नहर 1859-1860 में बनाई गयी थी  यह नहर सोंग नदी पर बनाई गयी है रायपुर गाँव में

*1902 इस नहर पर बालावाला नथुवाला लघु नहर बनाई गयी है ।

 

*वर्तमान में कलंगा नहर तीन नदियों सहस्त्रधारा, बिंदाल और सोंग से अपना पानी प्राप्त करती है।

*देहरादून के स्थानीय क्षेत्र लाभान्वित है ।

 

जाखन नहर – (Jakhanl canal)

*यह नहर 1863-1864  जाखन नदी पर में बनाई गयी थी

*बरसात के मौसम में आमगढ़, कुआ खाला, महादेव खाला और संसरा खाला टोरंट्स के फीडरों द्वारा इसकी जल आपूर्ति प्राप्त की जाती है ।

*इस नहर से देहरादून के स्थानीय क्षेत्र लाभान्वित है ।

शक्ति नहर – (Shakti canal)

*यमुना नदी पर विकास नगर देहरादून में है इस नहर से देहरादून के स्थानीय क्षेत्र लाभान्वित है ।

राम गंगा नहर – (Ramganga Canal)

*कालागढ़  पौडी गढ़वाल में प० रामगंगा  नदी पर जिसे बांध बनाकर निकाला गया है इस नहर द्वारा उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश के कुछ जिलों में सिंचाई की जाती है ।

कुमांऊ की प्रमुख नहर

( kumaun Canal)

शारदा नहर (shaarda canal)

*इस नहर  का निर्माण 1928 में काली नदी पर हुआ था ।

*यह नहर उत्तराखंड नेपाल सीमा पर स्थित है जो चंपावत के  बनबसा से निकाली गई है ।

*इस नहर प्रणाली से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड चंपावत उधम सिंह नगर के जिले में की जाती है ।

 

नानक सागर बांध नहर परियोजना

( naanak sagar dam canal project)

*यह बांध नंधौर नदी पे बनाया गया है ।

*इससे नहर भी निकाली गई है जिससे  नैनीताल व उधम सिंह नगर के जिलों में सिंचाई की जाती है ।

 

जमरानी बांध परियोजना ( jamrani dam project)

*इस परियोजना से उधम सिंह नगर नैनीताल जिले को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है ।

 

भीमताल नहर (bhimtaal canal)

*यह कुमाऊं क्षेत्र की सबसे बड़ी झील है ।

*इस झील में कई छोटी-छोटी नहर निकाली गई है जिसमें नैनीताल जिले के कुछ क्षेत्र को सिंचाई की जाती है ।

 

 

 

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3 टिप्पणियाँ

Pintoo · नवम्बर 20, 2020 पर 5:33 पूर्वाह्न

Very nice sir ji

Guruji · दिसम्बर 4, 2020 पर 10:37 पूर्वाह्न

thanks

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