valley of flower in uttarakhand

पर Guruji द्वारा प्रकाशित

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*  स्कंद पुराण के केदारखंड में फूलों की घाटी को नंदनकानन कहा गया है ।

* कालिदास ने अपनी पुस्तक मेघदूत में फूलों की घाटी को अलका कहां है ।

* फ्रैंक स्मिथ ने फूलों की घाटी की तुलना आयरलैंड की सुंदरता से की थी ।

 

फूलों की घाटी का परिचय –

 

* फूलों की घाटी चमोली जनपद में स्थित है जो राज्य का सबसे छोटा नेशनल पार्क है

*  इसका क्षेत्रफल – 87.50 वर्ग किमी० है ।

* 1982 में फूलों की घाटी को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया है ।

* 2005 में से विश्व विरासत में शामिल किया गया है ।

* फूलों की घाटी नर और गंधमाधन पर्वतों के बीच है ।

* फूलों की घाटी के पास से पुष्पावती नदी बहती है ।

* फूलों की घाटी के पास दो ताल और लिंगा अंछरी ताल भी है ।

* फूलों की घाटी मई से नवम्बर तक हिमाच्छादित रहती है ।

 

फूलों की घाटी की खोज

* फूलों की घाटी की खोजने का श्रेय फ्रैंक स्मिथ और उनके साथी एल्स ओल्ड वर्थ को जाता है।

* जब वह 1931  में कामेट पर्वत के अभियान से लौट रहे थे तब उन्होंने इस घाटी को देखा को देखा था ।

* 1937 में फ्रैंक स्मिथ इस फूलों की घाटी में पुनः आई थे शोध कार्य के लिए और  उस समय उन्होंने फूलों की घाटी में 3 महा तक शोध कार्य किया था ।

* फ्रैंक स्मिथ ने अपनी पुस्तक वैली ऑफ फ्लावर के माध्यम से इस फूलों की घाटी को विश्व में प्रसिद्धि दिलाई थी ।

* फ्रैंक स्मिथ ने फूलों की घाटी में लगभग 2,000 या 2,500 से अधिक फूलों की किस्मों की खोज की थी ।

* फ्रैंक स्मिथ इस फूलों की घाटी से 250 किस्म के बीज अपने देश ले गये थे ।

 

मार्गेट लेंगी की कब्र

* 1939 में फूलों की घाटी  की सुंदरता के बारे में सुनकर क्यू बॉटनिकल गार्डन लंदन की ओर से मार्गेट लेंगी शोध कार्य के लिये फूलों की घाटी आयी थी ।

* मार्गेट लेंगी दुर्भाग्य वश वह गंधमादन पर्वत से  फिसल गयी उनकी मृत्यु हो गई 4 जुलाई 1939 को मार्केट लेंगी की कब्र यही है ।

 

उत्तराखंड की अन्य फूलों की घाटी

* चिनाब घाटी  को दूसरी फूलों की घाटी कहा जाता है जो चमोली में स्थित है ।

* मल्यू रोखनी फूलों की घाटी यह फूलों की घाटी भी चमोली में स्थित है ।

* मांझी वन फूलों की घाटी यह फूलों की घाटी उत्तरकाशी और हिमाचल के बॉर्डर में है ।

* जौराई फूलों की घाटी टिहरी जनपद में स्थित है ।

* छीयालेख को पिथौरागड में फूलों की घाटी कहते है ।

 

फूलों की घाटी का धार्मिक महत्व –

* जन श्रुती के अनुसार रामायण काल में हनुमान जी संजीवनी बुटी लेने फूलों की घाटी आये थे ।

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3 टिप्पणियाँ

Ganesh arya · नवम्बर 20, 2020 पर 5:39 पूर्वाह्न

Important information providing by guru ji thank you so much.

Guruji · दिसम्बर 4, 2020 पर 10:38 पूर्वाह्न

thanks

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